निर्माणाधीन मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल होगा। ओपन रोड टोलिंग (ओआरटी) सिस्टम वाला भारत के पहले समुद्री पुल पर यात्री 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से अपनी गाड़ियों को दौड़ा सकते हैं।
लगभग 18,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह पुल पूरा होने के बाद लगभग 70,000 वाहनों का भार सह सकता है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 95% काम पूरा हो चुका है, साल के अंत तक अंत यह पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।
मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी के कमिश्नर एसवीआर श्रीनिवास ने एनडीटीवी को बताया, “इस साल दिसंबर के अंत तक इस पुल को पूरा किया जाएगा। हमने दो साल पहले जो लक्ष्य निर्धारित किया था उसे हासिल किया जा सकेगा।” उन्होंने कहा कि पुल न केवल एक “इंजीनियरिंग चमत्कार” है, बल्कि आर्थिक विकास का एक इंजन भी है।
श्रीनिवास ने बताया कि यह पुल 12 से 15 मिनट के आने जाने के समय के साथ मुंबई को अन्य शहरों से जोड़ता। आज एक छोर से दूसरे छोर पर पहुंचने में जहां घंटों लग जाते थे। इस पुल की मदद से इसे कुछ मिनटों में ही पूरा किया जा सकता है। यह पुल कच्चे माल, तैयार माल और श्रम के लिए आवाजाही में आसानी प्रदान करेगा। इस पुल की मदद से मुंबई और अन्य शहरों के बीच एक नई सप्लाई चेन बनाया जाएगा।
एमटीएचएल पुल मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ना है। इसके तैयार होने के बाद यातायात की भीड़ को कम किया जा सकेगा और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। पुल दक्षिण मुंबई के सेवरी में शुरू होगा, एलिफेंटा द्वीप के उत्तर में ठाणे क्रीक को पार करते हुए और न्हावा शेवा के पास चिरले में समाप्त होगा। पुल का कामकाज देखने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके डिप्टी देवेंद्र फडणवीस बुधवार शाम को यहां का दौरा करेंगे।
समुद्री पुल की योजना लगभग 30 साल पहले मुंबई और नवी मुंबई के बीच यातायात को गति देने और मुंबई से पुणे और गोवा के लिए यातायात की सुविधा के लिए बनाई गई थी। नवंबर 2017 में परियोजना के लिए अनुबंध दिया गया था इसका निर्माण अप्रैल 2018 में शुरू हुआ और 4.5 सालों के भीतर पूरा होने वाला था। हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण निर्माण में लगभग आठ महीने की देरी हुई और मौजूदा स्थिति में यह पुल दिसंबर 2023 तक बन के तैयार हो जाएगा।