माफिया अतीक अहमद तो मारा जा चुका है, लेकिन पुलिस को अभी भी उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश है। इस बीच सूत्रों ने दावा किया है कि शाइस्ता परवीन एसटीएफ के चंगुल से बाल-बाल बच निकलने में कामयाब रही है।बताया जाता है कि चार दिन पहले एसटीएफ उसे पकड़ने के काफी करीब पहुंच गई थी, लेकिन ऐन वक्त पर स्थानीय लोगों की मदद से वह चकमा देकर निकल गई। बता दें शाइस्ता परवीन उमेश पाल हत्याकांड में मुख्य आरोपी है। बेटे असद के एनकाउंटर और अतीक अहमद व अशरफ की हत्या के बाद शाइस्ता फरार चल रही है।
मस्जिद से ऐलान
पुलिस शाइस्ता को पकड़ने के लिए तेजी से मुहिम चला रही है। इसके लिए प्रयागराज और आसपास के इलाकों में छापेमारी की जा रही है। इंडिया टुडे के मुताबिक ऐसा ही जाल पुलिस ने हाल ही में प्रयागराज के हथुआ इलाके में बिछाया था। पुलिस को पुख्ता सूचना मिली थी कि शाइस्ता यहां पर है। उसे अशरफ की ससुराल के पास देखा गया था। बताया जाता है कि जैसे ही एसटीएफ की टीम मौके पर पहुंची, बुरका पहुंची महिलाओं ने टीम को घेर लिया। ऐसे में पुलिस कोई सख्त ऐक्शन नहीं ले सकी और शाइस्ता वहां से भाग निकली। सवाल उठता है कि आखिर शाइस्ता को यहां पर एसटीएफ के पहुंचने की जानकारी मिली कैसे? इसको लेकर बताया जाता है कि एसटीएफ के इलाके में पहुंचने की जानकारी स्थानीय लोगों को हो गई थी। इसके बाद एक मस्जिद से इसको लेकर घोषणा की गई, जिसमें महिलाओं को घरों से बाहर निकलकर गलियों में आने को कहा गया। इसके बाद गली में बुर्का पहने महिलाओं की भीड़ हो गई। काफी ज्यादा भीड़-भाड़ का फायदा उठाकर शाइस्ता वहां से भागने में कामयाब रही।
शाइस्ता का मददगार कौन?
इससे पूर्व यूपी पुलिस नैनी जेल पहुंची और अतीक के वकील खान सौलत हनीफ से पूछताछ की। हनीफ फिलहाल उमेश पाल अपहरण मामले में यहां बंद है। हनीफ से पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि उमेश पाल की हत्या से पहले शाइस्ता परवीन ने उमेश पाल की हत्या से पहले लेडी डॉन मुंडी पासी से मुलाकात की थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मुंडी पासी ही शाइस्ता परवीन की मददगार है। वह कई क्रिमिनल केसेज को अंजाम दे चुकी है और फिलहाल जमानत पर बाहर है। वह न सिर्फ शाइस्ता की मदद कर रही है, बल्कि उसे सूचनाएं भी मुहैया करा रही है। अब पुलिस मुंडी पासी और अतीक के गनर एहतेशाम की तलाश कौशांबी बॉर्डर के करीब कर रही है। एहतेशाम कभी पुलिस फोर्स में था और माना जाता है कि शाइस्ता परवीन को छिपाने में उसकी भी बड़ी भूमिका है। इसके अलावा पुलिस को कुछ अन्य लोगों के नाम भी पता चले हैं, इनमें आसिर्फ उर्फ माली है जो गुड्डू मुस्लिम का सहयोगी है। उमेश पाल मर्डर केस में उसने भी बमबाजी की थी।