मणिपुर में कई महीनों से कानून व्यवस्था जर्जर है। सरकार ने मणिपुर की मौजूदा स्थिति को देखते हुए पूरे राज्य को अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया। राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार, 19 विशिष्ट पुलिस थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) लागू कर दिया गया है।
राज्य में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
जिन 19 पुलिस स्टेशन क्षेत्र को छूठ दी गई है उनमें इम्फाल, लाम्फेल, सिटी, सिंगजामेई, सेकमाई, लैमसांग, पाटसोई, वांगोई, पोरोम्पैट, हेइंगांग, लामलाई, इरिलबंग, लीमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल, मोइरंग, काकचिंग और जिरीबाम शामिल हैं।
राज्य की राजधानी इंफाल में मंगलवार को दो छात्रों के अपहरण और हत्या के खिलाफ छात्र समूहों ने बड़े पैमाने पर विरोध रैलियां निकालीं। छात्रों के संगठनों के दृश्य ऑनलाइन सामने आने के बाद मंगलवार को विरोध प्रदर्शन का नया दौर शुरू हुआ। प्रदर्शनकारियों की रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के साथ भी झड़प हुई, जिसमें कम से कम 45 प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
छात्र फिजाम हेमजीत (20) और हिजाम लिनथोइनगांबी (17) जुलाई से लापता थे। अब सामने आई दो तस्वीरों में से एक में कथित तौर पर छात्रों को दो हथियारबंद लोगों के साथ दिखाया गया है और दूसरे में दो शव हैं। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि वह “राज्य के लोगों को आश्वस्त करते हैं कि राज्य और केंद्र सरकार दोनों अपराधियों को पकड़ने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।” दोनों युवकों की हत्या का मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है।
हिंसा की आशंका में मणिपुर पुलिस, सीआरपीएफ और आरएएफ कर्मियों की बड़ी टुकड़ियों को इंफाल और राज्य के अन्य हिस्सों में तैनात किया गया है। साथ ही सरकार ने नए विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर मंगलवार को अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध फिर से लगा दिया।