नजूल भूमि विधेयक पर यूपी की सरकार एक तरफ अपनी ही पार्टी के विधायकों और संगठन के लोगों से घिर गई है तो दूसरी ओर विपक्ष भी बड़े हमले कर रहा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि भूमाफियाओं के लिए भाजपा गरीबों को उजाड़ना चाहती है।
भाजपा वाले घर-परिवार वालों के खिलाफ हैं। अखिलेश ने नजूल भूमि विधेयक को पूरी तरह से घर उजाड़ने वाला विधेयक बता दिया। नजूल भूमि विधेयक को बुधवार को यूपी विधानसभा में पेश किया गया था। यहां विपक्ष के साथ ही भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और हर्षवर्धन बाजपेयी ने इसका विरोध कर दिया। इसके बाद भी इसे पास कर विधान परिषद में भेज दिया गया। यहां विधेयक का विरोध खुद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कर दिया। इसके बाद विधेयक को प्रवर समिति को भेज दिया गया।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि शुक्रवार को मांग की कि अमानवीय ‘नजूल जमीन विधेयक’ हमेशा के लिए वापस हो। सपा प्रमुख ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर लिखा कि ”नजूल लैंड का मामला पूरी तरह से ‘घर उजाड़ने’ का फैसला है क्योंकि बुलडोजर हर घर पर नहीं चल सकता है।”
अखिलेश ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी घर-परिवार वालों के खिलाफ है। जनता को दुख देकर भाजपा अपनी खुशी मानती है। जब से भाजपा आई है, जनता रोजी-रोटी-रोजगार के लिए भटक रही है, और अब भाजपाई मकान भी छीनना चाहते हैं।
सपा प्रमुख ने सवाल उठाया कि कुछ लोगों के पास दो जगह का विकल्प है, पर हर एक उनके जैसा नहीं है। बसे बसाए घर उजाड़ कर भाजपा वालों को क्या मिलेगा? क्या भू-माफियाओं के लिए भाजपा जनता को बेघर कर देगी? सपा नेता ने कहा कि अगर भाजपा को लगता है कि उनका ये फैसला सही है तो हम डंके की चोट पर कहते हैं, अगर हिम्मत है तो इसे पूरे देश में लागू करके दिखाएं क्योंकि नजूल लैंड केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में है। उन्होंने कहा सपा की यही मांग है कि अमानवीय ‘नजूल जमीन विधेयक’ हमेशा के लिए वापस हो।
इससे पहले गुरुवार को भी अखिलेश यादव ने इसे लेकर पोस्ट किया था। अखिलेश ने कहा कि नज़ूल ज़मीन विधेयक दरअसल भाजपा के कुछ लोगों के व्यक्तिगत फ़ायदे के लिए लाया जा रहा है जो अपने आसपास की ज़मीन को हड़पना चाहते हैं। गोरखपुर में ऐसी कई ज़मीने हैं जिन्हें कुछ लोग अपने प्रभाव-क्षेत्र के विस्तार के लिए हथियाना चाहते हैं। आशा है मुख्यमंत्री जी स्वत: संज्ञान लेते हुए ऐसे किसी भी मंसूबे को कामयाब नहीं होने देंगे, खासतौर से गोरखपुर में।
समाजवाादी पार्टी की तरफ से इसे लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। सपा मीडिया सेल ने एक्स पर कहा कि सुना है मुख्यमंत्री योगी ये बिल अपने निजी फायदे के लिए ला रहे थे। इस बिल का जनहित या भाजपा हित से कोई वास्ता नहीं था। गोरखपुर में बेशकीमती जमीनों पर सीएम की नजर है जो जमीनें नजूल के अंतर्गत आ रही थीं। मुख्यमंत्री बनने के बाद से सीएम योगी ने सोचा कि सत्ता का फायदा उठाकर उन जमीनों में खेल कर लिया जाए इसीलिए ये बिल लाया गया है। लेकिन मुख्यमंत्री योगी के इस दुःस्वप्न पर भाजपा संगठन ने पानी फेर दिया है।
हालांकि ये बिल अगर पास हो जाता तो पहले गोरखपुर फिर अयोध्या फिर लखनऊ और धीरे धीरे पूरे यूपी की बेशकीमती नजूल भूमि पर कुदृष्टि थी और गरीब जनता पर बुलडोजर चलाने की भाजपाई और योगी तैयारी थी और बिल्डर्स/उद्योगपतियों को ये जमीनें जनता से छीनकर देने की तैयारी की थी। सीएम योगी ने लेकिन तमाम भाजपाई दिग्गजों की कोठियां/मकान/प्रतिष्ठान/बंगले नजूल में आ रहे हैं इसीलिए भाजपा के अंदर भी उसका विरोध हुआ। जनहित से इसका या मुख्यमंत्री का कोई लेना देना नहीं है।