भारतीय नौसेना का नवीनतम युद्धपोत ‘महेंद्रगिरी’ शुक्रवार को लांच किया गया। यह लांचिंग उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ ने मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में की।
यह प्रोजेक्ट 17ए का सातवां युद्धपोत है। इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 17 अगस्त को इस प्रोजेक्ट के छठवें युद्धपोत विंध्यगिरी को लांच किया था।
पहले से काफी बेहतर
प्रोजेक्ट 17 ए पोत परियोजना, प्रोजेक्ट 17 (शिवालिक क्लास) को आगे बढ़ाने वाली परियोजना है। इस परियोजना में शामिल युद्धपोतों में कई तरह की विशेषताएं शामिल हैं। इसमें उन्नत श्रेणी के हथियारों के अलावा, सेंसर्स और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम है। साथ ही इसमें बेहतर गोपनीयता से जुड़े अन्य फीचर्स पर भी ध्यान दिया गया है। प्रोजेक्ट 17 ए के तहत पिछले पांच युद्धपोतों को 2019 और 22 के बीच लॉन्च किया गया था।
यह है इस युद्धपोत की खासियत
महेंद्रगिरी युद्धपोत की खासियतों की बात करें तो यह बेहद विशाल और शक्तिशाली है। अधिकारियों के मुताबिक इसकी लंबाई 149 मीटर, चौड़ाई 17.8 मीटर और इसकी टॉप स्पीड 28 नॉट्स होगी। महेंद्रगिरि प्रोजेक्ट 17 ए का अंतिम युद्धपोत है। परियोजना के तहत चार युद्धपोत मझगांव डॉक पर बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा अन्य को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) कोलकाता में बनाया जा रहा है। प्रोजेक्ट 17 ए युद्धपोत के सभी प्रोजेक्ट्स फिलहाल निर्माण की अलग-अलग अवस्था में हैं। उम्मीद है कि इन्हें 2024 से 2026 के बीच नेवी को सौंप दिया जाएगा।
लांचिंग इसलिए भी है अहम
एक युद्धपोत की लांचिंग मील का पत्थर है। नेवी ने एक बयान में कहा कि नया बना महेंद्रगिरि तकनीकी रूप से उन्नत युद्धपोत है। स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के भविष्य की ओर खुद को आगे बढ़ाते हुए अपनी समृद्ध नौसैनिक विरासत को गले लगाने के भारत के दृढ़ संकल्प के प्रतीक के रूप में खड़ा है। बता दें कि यह लांचिंग ऐसे समय में हुई है जब डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके अलावा चीनी सेना की बढ़ती दखलअंदाजी के चलते हिंद महासागर क्षेत्र में पावर डायनेमिक्स भी बदल रही है।