यूपी के बाहुबली विधायक और जनसत्ता दल के प्रमुख रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने लोकसभा चुनाव को लेकर मंगलवार को अपने पत्ते खोल दिए। राजा भैया ने समर्थकों के हुजूम के बीच ऐलान किया कि वह किसी को समर्थन नहीं देंगे।
राजा भैया ने साफ कर दिया कि वह सपा या भाजपा किसी भी दल को वोट देने के लिए अपने समर्थकों से नहीं कहेंगे। उन्होंने कहा कि कौशांबी लोकसभा सीट पर सभी समर्थक अपने विवेक के अनुसार वोट देने दें। समर्थक जिसे भी चाहें वोट दे सकते हैं। यह जरूर कहा कि हाथ में हमेशा झंडा जनसत्ता पार्टी का ही रखें।राजा भैया का फैसला भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दो दिन पहले ही राजा भैया की अमित शाह से मुलाकात की खबर आई थी। इसके बाद से माना जा रहा था कि राजा भैया भाजपा प्रत्याशी को समर्थन का ऐलान कर सकते हैं। राज्यसभा चुनाव में भी राजा भैया ने भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया था। राजा भैया ने समर्थकों के बीच यह भी बताया कि मंगलवार की सुबह उनसे मिलने और समर्थन मांगने कौशांबी से सपा प्रत्याशी पुष्पेंद्र सरोज आए थे। इसके बाद दोपहर में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के साथ भाजपा प्रत्याशी विनोद सोनकर पहुंचे थे। उन्होंने दोनों नेताओं को भी अपनी इच्छा से अवगत करा दिया है।
राजा भैया ने मीडिया से कहा कि जनसत्ता दल का कोई भी प्रत्याशी कौशांबी और प्रतापगढ़ संसदीय सीट से नहीं लड़ रहा है। हम लोग लगातार अपने लोगों से राय ले रहे थे। इसके बाद कार्यकर्ता सम्मेलन किया गया। इसमें सभी समर्थकों से कह दिया गया है कि जिसका जहां मन हो वोट दे सकता है। सभी लोग अपने विवेक के अनुसार वोट देने के लिए स्वतंत्र हैं।माना जा रहा है कि राजा भैया के फैसले का असर न केवल कौशांबी लोकसभा सीट बल्कि प्रतापगढ़ और आसपास की लोकसभा सीटों पर भी देखने को मिल सकता है। राजा भैया का इलाका कुंडा कौशांबी लोकसभा इलाके में आता है। जबकि यह प्रतापगढ़ जिले का हिस्सा है।इससे पहले कार्यकर्ताओं की बैठक में राजा भैया ने कहा कि नवंबर 2018 में जनसत्ता दल का जन्म हुआ। छह महीने बाद ही 2019 में लोकसभा का चुनाव हुआ था। आप लोगों की राय से बिना किसी से गठबंधन किए कौशांबी लोकसभा सीट से शैलेंद्र प्रत्याशी बनाए गए। दोनों विधानसभा कुंडा और बाबागंज में भाजपा और सपा को पीछे छोड़ दिया। कहीं भाजपा तीसरे पर आई तो कहीं सपा तीसरे पर आई। बस कौशांबी जनपद में कमजोर हो गए। यह सच्चाई आपके सामने है।राजा भैया ने कहा कि अब जब लोकसभा चुनाव आया तो कुछ कारणोंवश किसी से गठबंधन नहीं हुआ। यह भी फैसला हुआ कि जनसत्ता दल के झंडे तले चुनाव नहीं लड़ा जाएगा। अब आपकी राय लेने के लिए यह बैठक बुलाई गई है। कहा कि जब कोई प्रत्याशी लड़ाया जाता है तो कई लोगों की राय ली जाती है। जब जिला पंचायत का चुनाव होता है तो हम आप लोगों से कहते हैं कि किसे-किसे वोट देना है। क्योंकि यह मेरी जिम्मेदारी होती है। हमारे कहने पर आप बाबागंज से लगातार विधायक बना रहे हैं। आज भाजपा-सपा के अलावा किसी पार्टी का एमएलसी नहीं है लेकिन अपनी पार्टी से गोपाल जी एमएलसी हैं।