महाराष्ट्र में रविवार को अजित पवार की एनसीपी से बगावत के बाद सोमवार को भी खासी हलचल है। इस बीच एकनाथ शिंदे ने शिवाजी पार्क में अपने सभी सांसदों और विधायकों को बुलाया है। माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे शक्ति प्रदर्शन करने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि अपने सभी विधायकों और सांसदों को 3 बजे मौजूद रहने को कहा है। इस दौरान शिंदे अपने राजनीतिक गुरु आनंद दीघे को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और फिर समर्थकों को संबोधित करेंगे। यही नहीं इस कार्यक्रम के बाद वह अपने विधायकों और सांसदों के साथ एक मीटिंग भी कर सकते हैं।
माना जा रहा है कि अजित पवार के साथ 40 विधायक आने के बाद भाजपा को लगता है कि उसकी सरकार अब मजबूत है। ऐसे में एकनाथ शिंदे के बिना भी भाजपा सरकार महाराष्ट्र में बनी रह सकती है। अजित पवार की एंट्री के बाद से एकनाथ शिंदे को अपने भविष्य के लिए आशंका है। यही वजह है कि उन्होंने मीटिंग बुलाई है, जिसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। एकनाथ शिंदे बीते साल ही 40 विधायकों संग भाजपा के साथ आ गए थे और फिर गठबंधन सरकार जो बनी, उसके मुखिया बन गए। यह हैरान करने वाला था क्योंकि भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के ही सीएम बनने की चर्चा थी।
जानकार मानते हैं कि तब शायद शिवसेना में फूट डालने के लिए एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया गया था। यह मकसद अब पूरा होता दिख रहा है, जबकि भाजपा के अपने नेता डिप्टी सीएम हैं। ऐसे में भाजपा के लिए शायद यह मुफीद होगा कि वह अब फडणवीस को ही सीएम बना दे और अजित पवार को डिप्टी सीएम रहने दिया जाए। इसके अलावा एकनाथ शिंदे को हटाया भी जा सकता है। बता दें कि शिवसेना उद्धव गुट की ओर से कई बार कहा जा चुका है कि आने वाले समय में महाराष्ट्र में सीएम बदलेगा।
संजय राउत बोले- सीएम नया मिलेगा, लिखकर ले लो
अब अजित पवार के सीन में एंट्री करने के बाद ये आशंकाएं तेज हो गई हैं। संजय राउत ने भी आज सुबह ही कहा था कि मैं लिखकर देता हं कि अब एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे। महाराष्ट्र में जल्दी ही सीएम बदलने वाला है। गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद पहली बार शिवसेना इस कदर टूटी थी। एक दर्जन से ज्यादा सांसद और 40 विधायकों को लेकर शिंदे ने शिवसेना पर भी दावा ठोका था और उन्हें ही पार्टी का पुराना सिंबल तीर और कमान मिला है।
अजित पवार को बुलाकर क्या मीटिंग कर रहे फडणवीस
इस बीच देवेंद्र फडणवीस के घर पर मीटिंग चल रही है। इस बैठक में एकनाथ शिंदे या उनका कोई समर्थक नहीं है। लेकिन भाजपा के कई नेता और अजित पवार मौजूद हैं। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर बात हो रही है। साफ है कि सरकार की कमान एकनाथ शिंदे से ज्यादा देवेंद्र फडणवीस के हाथों में है और वही तैयार कर रहे हैं कि किसे क्या मंत्रालय दिया जाए। अजित पवार को लाने के सूत्रधार भी देवेंद्र फडणवीस ही माने जाते हैं।