प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में बोलते हुए पेपर लीक मामले पर भी सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने आश्वासन दिया कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त ऐक्शन लिया जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा, ‘देश के हर एक छात्र और नौजवान से कहना चाहता हूं कि सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अत्यंत गंभीर है। इसे लेकर अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं। युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को कतई छोड़ा नहीं जाएगा।’ उन्होंने कहा कि नीट मामले को लेकर लगातार गिरफ्तारियां की जा रही हैं। केंद्र सरकार पहले ही कड़ा कानून बना चुकी है। परीक्षा कराने वाले पूरे सिस्टम को पुख्ता करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
पीएम मोदी ने नीट मामले पर आज अपनी बात ऐसे समय रखी जब इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उन्हें पत्र लिखा है। उन्होंने आग्रह किया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में कथित अनियमितता के मुद्दे पर सदन में चर्चा कराई जाए। राहुल ने कहा कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) पर चर्चा कराने के विपक्ष के अनुरोध को गत 28 जून और बीते सोमवार को ठुकरा दिया गया था, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष को आश्वासन दिया था कि वह सरकार के साथ इस मामले पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि इस समय हमारी एकमात्र चिंता पूरे भारत में लगभग 24 लाख नीट उम्मीदवारों का कल्याण है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘नीट परीक्षा तत्काल ध्यान देने योग्य है, क्योंकि इसने हमारी उच्च शिक्षा प्रणाली में गहरी समस्या को उजागर किया है। पिछले सात वर्षों में 70 से अधिक पेपर लीक हुए हैं, जिससे 2 करोड़ से अधिक छात्र प्रभावित हुए हैं।’
संसद की ओर मार्च का प्रयास कर रहे छात्र हिरासत में
गौरतलब है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के विरोध में संसद की ओर मार्च करने का प्रयास कर रहे 12 से अधिक छात्रों को मंगलवार को हिरासत में लिया गया। इंडिया अगेंस्ट एनटीए के बैनर तले विभिन्न संगठनों से जुड़े छात्र पटेल चौक मेट्रो स्टेशन पर एकत्र हुए और एनटीए विरोधी नारे लगाने लगे। ‘केंद्रीय शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करो’ और ‘एनटीए को खत्म करो’ जैसे नारे लिखे पोस्टर और बैनर छात्रों ने लिए थे। उन्होंने मेडिकल प्रवेश परीक्षा में पेपर लीक और भ्रष्टाचार के कथित मामलों के खिलाफ प्रदर्शन किया। दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को उस समय हिरासत में ले लिया, जब वे अपनी मांगों को लेकर संसद की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे थे।