भगवान शिव का अंश, जिसने रचा पूरा ब्रह्मांड; वैज्ञानिकों को खोजने में लग गए 50 साल
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 विज्ञान का दूसरा नाम आधुनिक चमत्कार भी है। विज्ञान के लिए चार जुलाई का दिन बेहद खास है। 2012 में इसी दिन वैज्ञानिकों ने हिग्स बोसोन कण का पता लगाने में मिली सफलता का ऐलान किया था।

इसे गॉड पार्टिकल या भगवान शिव का अंश भी कहा जाता है। वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि उन्होंने ‘हिग्स बोसॉन’ कण के बेहद ठोस संकेत हासिल किए हैं। इसे खोजने में वैज्ञानिकों को 50 साल लग गए। यह एटम से भी बहुत छोटा कण है, जिसकी संरचना का पता आज तक नहीं चल पाया है कि यह बनता कैसे है। इसे ब्रह्मांड का डीएनए भी कहा जाता है।

गॉड पार्टिकल या हिग्स बोसोन कण की खोज जिनेवा में यूरोपियन ऑर्गेनाइज़ेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च यानी सर्न के वैज्ञानिकों ने की थी। ब्रह्मांड में खोजे गए इस अति सूक्ष्म कण को हिग्स नाम वैज्ञानिक पीटर हिग्स के नाम से दिया गया था। उन्होंने 1964 में इसका सिद्धांत दिया था। हालांकि उनके सिद्धांत की सत्यता 50 साल बाद हो पाई। इसी साल अप्रैल महीने में उनका निधन हो गया था, वह 94 वर्ष के थे। पीटर हिग्स ने दुनिया को यह समझाया कि ब्रह्मांड में मौजूद हर एक चीज बोसोन कण से आई। उसी ब्रह्मांड के हर कण ने अपना द्रव्यमान प्राप्त किया।

1964 में पीटर ने हिग्स बोसोन के अस्तित्व का सिद्धांत दिया था। उनके अनुसार, ब्रह्मांड के हिग्स क्षेत्र में अति सूक्ष्म कण है, जो एटम से भी छोटा है। यह एक क्वांटम फ़ील्ड है जो कणों को द्रव्यमान देता है और पूरे ब्रह्मांड में मौजूद है। हिग्स क्षेत्र में, हिग्स बोसोन एक तरंग के रूप में कार्य करता है। हिग्स को भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

क्या है गॉड पार्टिकल और इसे भगवान शिव का अंश क्यों कहते हैं?
गॉड पार्टिकल या हिग्स बोसोन को ब्रह्मांड का सबसे छोटा कण भी कहते हैं। यह एटम से भी छोटा है। हालांकि खोज में वैज्ञानिकों ने यह साबित किया है कि यह ब्रह्मांड के हर कोने में स्थित है और इसी से ब्रह्मांड की रचना हुई है। यह बहुत असंतुलित है और तुरंत ही खत्म हो जाता है। इसमें न कोई इलेक्ट्रिक चार्ज होता है और न ही यह ब्रह्मांड में घूमता है। यह ब्रह्मांड के हिग्स फील्ड में पाया जाता है। इसे भगवान शिव के अंश से इसलिए भी जोड़ा जाता है क्योंकि हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ब्रह्मांड के रचयिता और विनाशक हैं।

जैसे कि वैज्ञानिकों ने साबित किया है कि हिग्स बोसोन से ही ब्रह्मांड की रचना हुई है तो इसे ब्रह्मांड का डीएनए भी कहा जाता है। हिग्स बोसोन का द्रव्यमान 125 बिलियन इलेक्ट्रॉन वोल्ट है, जो प्रोटोन से 130 गुना ज्यादा है।

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