बिहार विधान परिषद में भाजपा बनी सबसे बड़ी पार्टी
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पटना. विधान परिषद में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है. 5 सीटों पर हुए चुनाव के परिणाम आने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने जदयू से यह ओहदा छीन लिया है. सदन में अब भाजपा के कुल 25 सदस्य हो गये हैं.

इसे सदन के अंदर सत्ताधारी महागठबंधन को बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है. विधानसभा में सबसे बड़े दल का ओहदा गंवाने के बाद परिषद में सबसे बड़े दल के रूप में काबिज होना भाजपा के लिए एक अतिरिक्त उपलब्धियों में गिनी जायेगी.

सम्राट चौधरी का बढ़ा कद

विधान परिषद में सबसे बड़े दल के रूप में भाजपा के आना सदन में पार्टी नेता और प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है. उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद चार सीटों पर हुए चुनाव एवं एक सीट पर हुए उपचुनाव के परिणाम में भाजपा की सीट बढ़ी है, जबकि जदयू ने सीटें गंवा दी हैं. इस परिणाम के बाद सदन और पार्टी में उनका कद और बड़ा और मजबूत होगा.

कोसी से जदयू के राहत मिली

अब तक की मिली जानकारी के अऩुसार मगध की शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से दो बार से विधान पार्षद रहे जदयू के संजीव श्याम सिंह हार गये हैं, उन्हें बीजेपी के जीवन कुमार ने हरा दिया है. वहीं मगध के स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के अवधेश नारायण सिंह फिर से जीतने में कामयाब रहे हैं. उन्होंने राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे पुनीत सिंह को हरा दिया है. वहीं कोसी से जदयू के राहत मिली है. जदयू के संजीव कुमार कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से फिर से जीतने में सफल रहें हैं.

जदयू 23 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर

उसी प्रकार सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व एमएलसी केदारनाथ पांडेय के बेटे पुष्कर आनंद को जन सुराज पार्टी के समर्थित उम्मीदवार अफाक अहमद ने हरा दिया है, जबकि सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जदयू के वीरेन्द्र नारायण यादव ने फिर से जीत दर की है. इस रिजल्ट के बाद भाजपा विधान परिषद में 25 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है, जबकि नीतीश की जदयू 23 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है.

राजद का नहीं खुला खाता

शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों के इस चुनाव में अब तक जदयू के खाते में तीन एमएलसी सीट थी जबकि एक सीट सीपीएम के पास थी. वहीं भाजपा के पास सिर्फ एक सीट गया स्नातक निर्वाचन की थी. 24 घंटों से ज्यादा समय तक चली मतगणना के बाद भाजपा ने दो सीटों पर जीत हासिल करने में सफलता पा ली. वहीं पीके यानी प्रशांत किशोर की जन सुराज समर्थित एक उम्मीदवार ने जीत हासिल कर ली. इन सबमे जदयू सिर्फ दो सीट ही बचा पाई जबकि राजद का खाता भी नहीं खुला.

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