बिहार की तरह गिरने को हैं यूपी के 45 पुल, सीएम योगी के आदेश पर जांच में सामने आए खतरनाक हाल
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50 साल और इससे अधिक उम्र के नदी-नहरों पर बने छोटे-बड़े जर्जर पुलों पर हल्के वाहनों के साथ हैवी वाहन भी फर्राटा भर रहे हैं। बारिश के दिनों में यह खतरनाक हैं और यह लापरवाही बड़े हादसे को दावत भी दे सकती है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 50 साल पुराने पुलों का निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। लोक निर्माण विभाग ने सर्वे शुरू भी कर दिया है। कानपुर नगर और देहात में 45 पुल चिन्हित किए गए हैं। इनमें 27 पुल सिंचाई विभाग और 18 पुल लोक निर्माण विभाग के हैं। सर्वे अभी जारी है।

कानपुर के कई ऐसे जर्जर पुल हैं, जिन पर हैवी वाहनों का आवागमन बंद करने के बोर्ड और बैरियर लगाए गए हैं। इसके बाद भी इन पुलों हैवी वाहनों को गुजारा जा रहा है। इसमें ज्यादातर मौरंग बालू के हमीरपुर जाने आने जाने वाले ट्रक हैं। जाजमऊ पुराना पुल खस्ताहाल, मरम्मत के भरोसे : जाजमऊ का पुराना गंगापुल 49 साल पुराना है। वहीं, भीतरगांव से साढ़ के बीच सचौली में पांडु नदी का पुल 50 साल से ज्यादा पुराना है। यह जर्जर भी हो चुका है। पीडब्ल्यूडी ने पुल पर भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित कर रखा है लेकिन हमीरपुर से यहां पर मौरंग बाल्न के ट्रकों की आवाजाही हो रही है।

अंग्रेजों के जमाने के डॉट पुलों से हो रही आवाजाही
हाइवे से कनेक्ट कस्बों और गांवों के बीच पड़ने वाली नदियो और नहरों पर बने पुलो पर आवागमन जारी है। इन डॉट पुलो की जांच करने टीम पहुंची हैं। इनमें जर्जर पुलों को निष्प्रयोज्य करने की सूची बनाई जा रही है। पाल्हेपुर से भीतरगाव को आउने वाले पाड्डु नदी पर के पुराने पुल पर पीडब्ल्यूडी ने हैवी वाहनों के प्रतिबंध करने के बोर्ड लगाए है। स्मइंपुर से जहानाबाद मार्ग साढ कस्बे से एक किमी आगे रामगंगा नहर पर बना डॉट यूल जर्जर है।

पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता, अनिल कुमार ने इस बारे में कहा कि पुलों का सदा शुरू कर दिया गया है। अब तक 45 पुलों को चिन्हित किया गया है। इसमें सिंचाई विभाग और पीडब्ल्यूडी के पुल हैं। जर्जर पुलों से आवागमन पूरी तरह से रोक दिया जाएगा। नए पुल बनेंगे।

यूपी में 50 वर्ष पुराने पुलों की जांच की जाएगीः सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि 50 वर्ष आयु पूर्ण करने वाले प्रदेश के सभी सेतुओं का सूक्ष्मता से निरीक्षण कराया जाए। उनके सुपर स्ट्रक्चर, पियर की स्थिति, सेतुओं के वाटर-वे में ब्लाकेज, पियर के साइड में स्कावर होल, सेतु के एबटमेन्ट ढाल एवं बोल्डर का परीक्षण कराया जाना चाहिए। निरीक्षण के समय कोई सेतु असुरक्षित नज़र आता हो तो तत्काल उसे यातायात के लिए बंद किया जाए। स्थानीय जिला प्रशासन को इसकी सूचना दें। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को लोक निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की और निर्माण कार्यों की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए विभिन्न जरूरी। दिशा-निर्देश दिए।

कांवड़ यात्रा से जुड़े मार्ग दुरुस्त कराने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आगामी दिनों में कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत जिलों में इनसे जुड़े मार्गों को शत-प्रतिशत गड्ढामुक्त किया जाए। 15 जुलाई तक यह कार्य पूरा करा लिया जाए। ऐसे मार्ग, जहां जलभराव होता है, उन स्थानों पर जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। ब्लॉक मुख्यालयों को 2 लेन सड़क की कनेक्टिविटी देने का संकल्प समय से पूरा होना चाहिए।

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