बहनों और भाइयों… नहीं रही रेडियो की खनकती आवाज, अमीन सायानी का निधन
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रेडियो की दशकों तक पहचान रहे अमीन सयानी का बुधवार को निधन हो गया। उन्हें मशहूर रेडियो प्रोग्राम ‘गीतमाला’ के लिए जाना जाता था। उन्होंने 91 साल की उम्र में अंतिम सांस ली।

उनके बेटे राजिल सयानी ने बताया कि उन्हें हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद उन्हें एचएन रिलायंस अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। 21 दिसंबर, 1932 को मुंबई में जन्मे अमीन सयानी की आावाज रेडियो पर पहचान बन चुकी थी। उनका कार्यक्रम की शुरुआत में श्रोताओं को बहनों और भाइयों का कहकर संबोधित करना और तमाम किस्से सुनाना लोगों को रेडियो से बांधे रखता था।

उनके गीतमाला प्रोग्राम का तो दर्शक शिद्दत से इंतजार किया करते थे। देश में रेडियो के श्रोताओं को जोड़ने में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है। फिल्मी दुनिया से जुड़े तमाम किस्से उनके पास थे और उनका अंदाज-ए-बयां ऐसा था कि श्रोता बरबस ही खिंचे चले आते थे और उनके प्रोग्राम का इंतजार रहा करता था। अमीन सयानी के निधन से रेडियो की दुनिया में एक युग का समापन हो गया है। उनके पास आजादी से पूर्व के भी किस्से होते थे, जिन्हें वह पूरी दिलचस्पी लेकर सुनाते थे। फिर उन्होंने देश की आजादी के बाद का भी सिनेमा देखा।

अमीन सयानी का 6 दशक लंबा रेडियो करियर एक समृद्ध खजाने की तरह हमारे बीच रिकॉर्डिंग्स के तौर पर मौजूद है। उन्होंने करीब 54 हजार रेडियो प्रोग्राम किए थे। इसके अलावा 19 हजार वॉइस ओवर भी उन्होंने किया था। कई एडवर्टाइजमेंट्स को भी उन्होंने आवाज दी थी। अमीन सयानी ने कई फिल्मों में भी छोटे रोल किए थे। अमीन सयानी की खनकती आवाज लंबे समय तक रेडियो की पहचान बनी रही। यही नहीं उनके रिकॉर्ड किए गए कार्यक्रमों को आज भी लोग यूट्यूब जैसे माध्यमों पर भी सुनते हैं।

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