
उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता ने कहा कि सरकार बजट का आकार बढ़ाने में लगी है हकीकत है कि पिछले वित्तीय वर्ष में भी बड़ा बजट बनाया गया लेकिन अभी आखिरी महीने तक मात्र 55 प्रतिशत ही खर्च हो पाया।
उन्होने कहा कि यह बजट हाथी के दिखाने वाले दांतों की तरह है जिससे प्रदेश के लोगों का कोई फायदा नही होने वाला, जब बजट खर्च नहीं हो पा रहा है तो बढ़ाने का दिखावा क्यों किया जा रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष के बजट की हालत यह है कि चिकित्सा विभाग मात्र 54 प्रतिशत बजट ही खर्च कर पाया। सच्चाई है कि अस्पतालों में डॉक्टर नहीं, दवाइयां नहीं, बेड नहीं, जांच के लिए उपकरण नहीं है। यही हालत ऊर्जा,कृषि,शिक्षा और लोक निर्माण विभाग की है। मिश्रा ने कहा कि आज स्कूलों में मास्टर नहीं है, डेढ़ लाख शिक्षकों की कमी इस बार भी भारी भरकम बजट 8.08 लाख करोड़ का पेश किया गया है। लेकिन
आर.बी.आई के जो आंकड़े हैं वह कुछ अलग ही कहानी बयां करते हैं आज भाजपा सरकार की कुरीतियों की वजह से गलत नीतियों की वजह से उत्तर प्रदेश देश में सबसे बड़ा दूसरा कर्जदार प्रदेश बन गया है, प्रदेश के ऊपर 7 .70 लाख का कर्ज है। इस बजट में भी 91 हजार करोड़ रुपये कर्ज लेने की बात कही गई यानी कि प्रत्येक व्यक्ति पर 34000 से अधिक का कर्ज है जो 2017 में 18000 था वह बढ़कर 34000 हो गया।