लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ लड़ाई के ऐलान के साथ बना इंडिया गठबंधन पहले ही बिखरना शुरू हो चुका है। कई दिनों की अटकलों के बाद बुधवार को आखिर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।बंगाल से शुरू हुई विपक्ष की दरार अन्य राज्यों तक फैलती नजर आ रही है। महाराष्ट्र में शिवसेना-यूबीटी के नेता आदित्य ठाकरे ने ममता बनर्जी को शेरनी बता डाला। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी किसी शेरनी की तरह लड़ रही हैं। इससे इस आशंका को बल मिलने लगा है कि महाराष्ट्र में भी इंडिया अलायंस में फूट पड़ सकती है।
सीट शेयरिंग पर देवड़ा ने छोड़ी कांग्रेस
महाराष्ट्र की बात करें तो यहां पर कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी का गठबंधन रहा है। लेकिन शिवसेना में दो-फाड़ होने के बाद बैलेंस बिगड़ता नजर आ रहा है। यहां पर कांग्रेस और शिवसेना में सीटों के बंटवारे को लेकर जबर्दस्त पेंच फंस रहा है। सीटों के बंटवारे की ही बात पर पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस का हाथ और साथ दोनों छोड़ दिया। असल में मिलिंद देवड़ा मुंबई दक्षिण सीट से लोकसभा चुनाव लड़ते रहे हैं। 2004 से 2014 तक वह इसी सीट से सांसद चुने गए। नए बने समीकरण में उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के खाते में यह सीट जा रही है। इसको लेकर ही देवड़ा ने कांग्रेस छोड़ दी।
संजय निरूपम बनाम संजय राउत
कुछ इसी तरह का पेच संजय निरूपम की उत्तर पश्चिम मुंबई सीट पर भी फंस रहा है। इसके अलावा संजय निरूपम और संजय राउत के बीच काफी आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला है। संजय निरूपम ने तो यहां तक कहा था कि क्षेत्रीय दल अब कांग्रेस को सलाह दे रहे हैं। संजय राउत पर हमला बोलते हुए निरूपम ने कहा था कि उन्होंने कभी कॉरपोरेशन तक का चुनाव नहीं लड़ा। वह अहंकार में आकर बातें कर रहे हैं यह इंडिया गठबंधन की सेहत के लिए ठीक नहीं है। इससे यह स्पष्ट संकेत मिले हैं कि महाराष्ट्र में इंडिया अलायंस के लिए सबकुछ ठीक नहीं है। पूरा मामला सीट शेयरिंग को लेकर फंस रहा है और सबकुछ यूं ही चलता रहा तो गठबंधन में फूट पड़नी तय है।