भारत में मॉनसून आने में महज एक महीना बाकी है। देश में मानसून की शुरुआत एक जून के आसपास होती है। उससे दो महीने पहले अप्रैल और मई भारत के समुद्रों में तूफान बनने का समय होता है।
मॉनसून आने से पहले ही बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में तूफान बनने लगते हैं। इस बार अप्रैल के महीने में कोई तूफान नहीं आया। हालांकि अब खबर है कि इस साल का पहला चक्रवात बंगाल की खाड़ी में बनने जा रहा है। चक्रवात 8 मई के आसपास बनेगा और इसके भारत और बांग्लादेश के तटों की ओर बढ़ने की संभावना है। अप्रैल का महीना बिना चक्रवात के बीत जाने के बाद अब मई में बंगाल की खाड़ी में हलचल शुरू हो गई है। आने वाले दिनों में बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने की संभावना है। दुनिया भर में मौसम के पैटर्न की भविष्यवाणी करने के लिए विभिन्न मॉडलों का उपयोग किया जाता है। इसी तरह ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (GFS) और यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम रेंज फोरकास्ट (ECMWF) दिखा रहे हैं कि आने वाले दिनों में बंगाल की खाड़ी में चक्रवात आने की मजबूत संभावना है।
8-9 मई अंडमान सागर में होगा निम्न दबाव
दक्षिण पश्चिम अंडमान सागर में 8 या 9 मई के आसपास एक निम्न दबाव विकसित होने की संभावना है। जिसके बाद इस दबाव से हवाओं के तेज होने की संभावना है। इस आधार पर अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि बंगाल की खाड़ी में बनने जा रहा निम्न दबाव आने वाले दिनों में चक्रवात में बदल जाएगा। उधर, ओडिशा सरकार ने भी चक्रवात से पहले की तैयारी शुरू कर दी है और सिस्टम को अलर्ट कर दिया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओडिशा सरकार ने 11 विभागों और कलेक्टरों को अलर्ट रहने का आदेश दिया है।
मौसम विभाग द्वारा मंगलवार को की गई घोषणा के अनुसार, छह मई को दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने की संभावना है। जिसके प्रभाव से अगले 48 घंटों में निम्न दवाब के बनने की संभावना है। हालांकि, मौसम विभाग ने तूफान आने की कोई भविष्यवाणी नहीं की है। हालांकि, दूसरी ओर, एक्यूवेदर वैज्ञानिक जेसन निकोलस का कहना है कि इस सप्ताह के अंत में बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दबाव प्रणाली विकसित होगी और आने वाले हफ्तों में चक्रवात के रूप में विकसित होने की संभावना है। हालांकि, अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि ये तूफान किन इलाकों की ओर बढ़ेंगे।
क्या पडे़गा मॉनसून पर असर?
जब मई और अप्रैल में खतरनाक तूफान आते हैं, तो वे बंगाल की खाड़ी से मॉनसून को प्रभावित करते हैं। इसके प्रभाव से केरल में मॉनसून में बाधा आ सकती है। इससे इसका असर पूरे भारत में देखा जा सकता है। जानकारों की मानें तो कुछ हिस्सों में बाढ़ आने की संभावना है। वर्ष 2022 में चक्रवात ‘असनी’ मई के पहले सप्ताह में आया था और मई के दूसरे सप्ताह में थम गया था। इसके कारण मॉनसूनी पवनें अंडमान सागर की ओर खींची चली गईं, जो अधिक आगे नहीं बढ़ सकीं।
2021 में, मॉनसून के मौसम से पहले दो चक्रवात आए। पहला चक्रवात ‘तौकते’ मई के तीसरे सप्ताह के दौरान अरब सागर से टकराया था। इन तूफानों की वजह से पश्चिमी तट के साथ भारी बारिश हुई। इसका असर बंगाल की खाड़ी से आने वाली मॉनसूनी हवाओं पर पड़ा। मई के अंतिम सप्ताह में बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवात ‘यास’ उभरा। मॉनसून की शुरुआत से पहले आए इन तूफानों के कारण मॉनसूनी हवाएं पूर्व की ओर खिंची चली जाती हैं।
यास चक्रवात बिहार जैसे कुछ हिस्सों में मूसलाधार बारिश और बाढ़ लेकर आया। 2020 में बंगाल की खाड़ी में चक्रवात ‘अंफान’ और अरब सागर में चक्रवात ‘निसर्ग’ ने भी मॉनसून को बाधित करने का काम किया था।