अरविंद केजरीवाल के आवास के रिनोवेशन पर 45 करोड़ रुपये खर्च करने के आरोपों की जांच कराने के आदेश दिल्ली के उपराज्यपाल ने दिये हैं। इसपर बिफरी आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आधिकारिक आवास की मरम्मती पर 15 करोड़ रुपये खर्च किये गये थे।लेकिन अब एलजी ने इस पूरे मामले पर अपनी बात रखी है। एलजी ने आप के सभी आरोपों से इनकार किया है। एलजी ने कहा कि राज निवास सभी के लिए खुला है। कोई भी, कभी भी आ सकता है और देख सकता है। दिल्ली में जब उपराज्यपाल से इन आरोपों को लेकर सवाल किया गया तब उन्होंने कहा, मैंने पहले भी कहा था और आप से अभी भी कह रहा हूं कि राज निवास सभी के लिए खुला हुआ है। जब चाहे आप आकर देख सकते हैं कि उसमें क्या काम हुआ है और क्या नहीं हुआ है।’उपराज्यपाल ने रविवार को सिग्नेचर ब्रिज से आईटीओ बराज तक Yamuna Rejuvenation Project के फेज-1 का निरीक्षण किया। इसी दौरान उन्होंने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में यह बात कही। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कुछ दिनों पहले आरोप लगाया था कि छह एकड़ जमीन पर बने राज निवास के रिपेयर वर्क पर 15 करोड़ रुपये खर्च किये गये थे।
दरअरसल दिल्ली का यह बंगला विवाद पिछले कुछ दिनों से काफी चर्चा में है। भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले के रिनोवेशन पर 45 करोड़ रुपये खर्च किये थे। बीजेपी का आरोप है कि जब देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था तब उस वक्त यह पैसे खर्च किये गये थे। बीजेपी ने इस खर्चा का हिसाब बताते हुए कहा था कि केजरीवाल ने 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का किचेन बनवाया, 15 लाख से ज्यादा उनके टॉयलेट को बनाने में खर्च किया गया और करोड़ो रुपये के पर्दे लगाए गए।
इतना ही नहीं केजरीवाल के बंगले को ‘शीशमहल’ कहते हुए यह भी आरोप लगाया कि इस खर्चे के लिए बड़ी ही चालाकी से 9.99 करोड़ रुपये का बजट रखा गया क्योंकि 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट होने पर एलजी से अनुमति लेनी पड़ती है। बीजेपी का यह भी आरोप है कि महंगे टीवी खरीदे गये और वियतनाम से मार्बल लाकर केजरीवाल के बंगले में लगाया गया।
इसके बाद उपराज्यपाल ने इस पूरे मामले में संज्ञान लिया। उपराज्यपाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव को सीएम के बंगले पर हुए खर्च से संबंधित सभी कागजात संभाल कर रखने के आदेश दिये और 15 दिनों के अंदर इसपर रिपोर्ट मांगी। एलजी ने बंगले पर खर्च किये गये पैसों से संबंधित दस्तावेज भी मांगे हैं। लेकिन अब दिल्ली सरकारी की एक मंत्री आतिशी मर्लेना ने इसका विरोध किया है। उन्होंने एक चिट्ठी लिख कर कहा है कि एलजी द्वारा सीएम केजरीवाल के बंगले पर हुए खर्चे का दस्तावेज मांगा जाना असंवैधानिक है। आतिशी ने कहा है कि यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता और वो ऐसी रिपोर्ट नहीं मांग सकते हैं।