फर्जी तरीके से आयकर दाता, पांच एकड़ से अधिक जोत वाले किसान और मृतकों के नाम पर राशन लेने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है। ऐसे राशनकार्ड धारकों की सूची पूर्ति विभाग को देकर जांच कराने के निर्देश दिए गए।जांच में एसडीएम, ईओ, बीडीओ लगाए गए हैं। वहीं, विभाग की ओर से भी जांच शुरू कर दी गई है। सूची में चिन्हित अपात्रों का सत्यापन बंकी ब्लाक के ढकौली ग्राम पंचायत में किया गया तो अपात्रों की पुष्टि हो गई है। अब सभी अपात्रों के नाम डिलीट किए जाएंगे।
जिले में लगभग चार लाख से अधिक किसान हैं। इसमें से करीब दो हजार किसान एमएसपी पर गेहूं बेचते हैं और धान बेचने वालों की संख्या 30 से 35 हजार है। इन किसानों में लगभग 12 हजार 450 बड़े काश्तकार हैं, जो धान-गेहूं हजारों कुंतल में बेचते हैं। इनकी सूची पूर्ति विभाग से भेजी गई थी।
जिनके पास पांच एकड़ यानी 20 बीघा से लेकर 100 बीघा तक खेती हैं। घर पर कार, बंदूक, पक्का घर, ट्रैक्टर-ट्राली और हर सुख सुविधाएं हैं। यहां तक कि कुछ काश्तकार ऐसे हैं, जो राजधानी में बंगला बनवाए हैं। वहीं, आयुक्त कार्यालय से पांच हजार 600 आयकर दाताओं के नाम राशन कार्ड होने की सूची जिले को भेजी थी। साथ ही ऐसी भी सूची दी थी, जिनमें निराश्रित महिलाओं के राशन कार्ड में उनके पतियों के नाम थे, जिनके नाम पर राशन लिया जा रहा है। इनकी जांच के लिए जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने एसडीएम, बीडीओ और नगर निकाय के ईओ और पूर्ति विभाग के अधिकारियों की टीमें गठित कर दी थी। जांच शुरू हो चुकी है। मंगलवार को विकास खंड बंकी के ग्राम पंचायत ढकौली में अपात्रों की जांच की।
आयुक्त कार्यालय से मिली इस गांव की संभावित अपात्रों की सूची में 28 नाम थे। जिला पूर्ति अधिकारी डा. राकेश कुमार तिवारी, पूर्ति निरीक्षक गरिमा श्रीवास्तव, अभिनव कुमार के साथ गांव में सूची से राशनकार्ड धारकों का मिलान किया। यहां 20 आयकरदाता, निराश्रित महिला पेंशन के छह लाभार्थी और दो हेक्टेयर से ज्यादा भूमि कि धान, गेहूं बिक्री करने वाले किसान मिले। परीक्षण के दौरान सभी की अपात्रता की पुष्टि हो गई है। जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि सभी पूर्ति निरीक्षकों को ब्लाक के एक गांव की जांच कर सूची को पुष्टि करने के निर्देश दिए गए हैं।