उत्तर प्रदेश विधानमंडल सत्र पर इस बार अयोध्या की भी छाप होगी। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के 10 दिन बाद योगी सरकार यूपी विधानमंडल सत्र बुलाने जा रही है। विधानसभा व विधान परिषद का सत्र 2 फरवरी से शुरू होगा।
सत्र के दौरान वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पेश करेगी। यह बजट यूपी का अब तक सबसे बड़ा बजट होगा। असल में मुख्यमंत्री अपने सारे मंत्रियों को लेकर एक फरवरी को अयोध्या जाकर राम मंदिर में रामलला के दर्शन पूजन करेंगे। उसके अगले दिन विधानमंडल का सत्र बुलाया गया है। चूंकि यह नए साल का पहला सत्र है। इसलिए इसकी शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होगी। बजट की तारीख व अन्य कार्यक्रम कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में तय होंगे।
अभिभाषण से लेकर बजट तक रहेगी अयोध्या की छाप
श्रीराम मंदिर निर्माण के साथ अयोध्या का चहुंमुखी विकास करने के लिए एक साथ कई परियोजनाएं शुरू कर दी गईं हैं या शुरू होनी हैं। पर्यटन, संस्कृति, नगर विकास, आवास, गृह परिवहन व नागरिक उड्डयन जैसे तमाम विभागों द्वारा अब तक कराए गए कामों का ब्यौरा राज्यपाल के अभिभाषण में होगा। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अयोध्या के लिए की गई घोषणाओं का भी समावेश होगा। गन्ना किसानों के लिए गन्ना मूल्य में की गई 20 रुपये की बढ़ोतरी जैसे बड़े निर्णयों का भी जिक्र होगा।
बजट में भी होगी अयोध्या केंद्रित योजनाएं
अयोध्या के समग्र विकास के लिए बने मास्टर प्लान के हिसाब से योजनाएं बनाई गई हैं। उनमें कुछ योजनाएं नए वित्तीय वर्ष में शुरू होनी हैं। इसके लिए बड़ी रकम रखी जाएगी। चूंकि चुनावी वर्ष है। इसलिए भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में अब उन बचे हुए वायदों पर फोकस किया जा सकता है, जिन पर अमल होना बाकी है। युवाओं के लिए नई योजना लाई जा सकती है। किसानों, महिलाओं को भी राहत देने की तैयारी है। विधानमंडल सत्र में अतीक अशरफ हत्याकांड व उमेशपाल हत्याकांड की अलग-अलग जांच रिपोर्ट भी पेश की जाएगी। साथ ही सीएजी रिपोर्ट भी पटल पर आएगी। पिछले साल वित्तमंत्री सुरेश खन्ना 22 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट रखा था। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरमनी व लोकसभा चुनाव की आहट के कारण योगी सरकार ने इस बार विधानमंडल सत्र थोड़ा पहले बुलाया है।