लालू, नीतीश और मोदी के नाम पर नहीं, जात पात और धर्म के नाम पर भी नहीं, और न ही किसी नेता के बेटा को वोट देना है। एक बार वोट अपने बच्चों के लिए देना है, नहीं तो फिर नर्क भोगते रहना है।यह बातें जन सुराज के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सुपौल के सदर प्रखंड अंतर्गत वीणा मैदान में आयोजित सभा के दौरान कही। प्रशांत किशोर ने कहा कि उन नेताओं को या उनके बेटों को वोट नहीं देना है, जिन्होंने आपके बच्चों का सौदा किया। उन्होंने कहा कि गरीब बच्चों के पढ़ाई के नाम पर 50 हजार करोड़ का लूट हो रहा है। लेकिन, 50 बच्चे भी ढंग से पढ़ नहीं पा रहे हैं। हमारे बच्चों को अशिक्षा और बेरोजगारी के दलदल में धकेला जा रहा है, ताकि नेताओं का वोट बैंक सुरक्षित रहे। लेकिन इस बार जनता राज के लिए वोट होगा और व्यवस्था भी जनता ही बदलेगी।
प्रशांत किशोर ने एलान किया कि 15 साल से कम उम्र के बच्चों की पूरी पढ़ाई का खर्च देंगे। जिसमें किताबों से लेकर विद्यालय के कपड़े, सब कुछ बिहार के बच्चों के लिए मुफ्त कर दी जाएगी। यह व्यवस्था केवल सरकारी स्कूलों में ही नहीं, बल्कि सभी प्राइवेट स्कूलों में भी लागू होगी। प्राइवेट स्कूल में भी 15 वर्ष तक के बच्चों की पढ़ाई का खर्च सरकार देगी, ऐसी व्यवस्था हम करेंगे। उन्होंने कहा कि आपकी नीतीश सरकार पढ़ाई के नाम पर हर वर्ष 50 हजार करोड़ खर्च कर रही है। हमारा यह संकल्प है कि इसी 50 हजार करोड़ को सही तरीके से खर्च करके आपके बच्चों को अच्छी गुणवत्ता की पढ़ाई कराएंगे, ताकि 15 वर्ष के बाद वह सरकार और व्यवस्था पर बोझ नहीं बने।
महंगाई के जमाने में 400 की भीख दे रहे हैं नीतीश कुमार
प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश कुमार पर भी तीखा हमला बोला। कहा कि इस महंगाई के दौर में मात्र 400 रुपए देकर क्या वह आप पर कोई एहसान कर रहे है? इस महंगाई के दौर में हर महीने मात्र 400 रुपए में अपना जीवन यापन कर पाना नामुमकिन है। यह राशि भीख से ज्यादा नहीं है। कहा कि अकेले जीवन यापन कर रहे हमारे बुजुर्गो के लिए भी हम अगले वर्ष के अंत से यह सुनिश्चित करेंगे कि आपको हर महीने कम से कम 2000 रुपए की पेंशन मिले।
नेता का बेटा हेलीकॉप्टर से, आपका सड़क पर घूमता है
प्रशांत किशोर ने एक बार फिर लालू परिवार पर भी हमला बोला। कहा कि जात, धर्म और पार्टी के नाम पर नेता का बेटा आपका वोट लेकर हेलीकॉप्टर में घूमता है। लेकिन, आपके बेटे सड़क पर चप्पल पहन कर बेरोजगार घूमते रहते हैं। वोट लेने के बाद नेता या उसका बेटा आपको पूछने तक नहीं आता है। लेकिन चुनावों में आप उसका झंडा उठा कर दौड़ पड़ते हैं। आप अपनी समस्याओं के जिम्मेदार खुद हैं, क्योंकि आपने अपने बच्चों के सौदागर का साथ दिया है। इसलिए निर्णय आपको लेना है कि आपको लालू, नीतीश और मोदी का राज चाहिए या जनता का राज।