प्रति छात्र व्यय घोषित करने के आदेश का अनुपालन न करने पर माननीय उच्च न्यायालय ने जारी किया अवमानना नोटिस
Sharing Is Caring:

लखनऊ, 20 दिसम्बर। माननीय उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ द्वारा अवमानना आवेदन (सिविल) संख्या 3118/2023 (सी/एम लखनऊ एस्थेटिक डेवलेपमेन्ट सोसाइटी बनाम श्री दीपक कुमार, प्रमुख सचिव शिक्षा, लखनऊ व अन्य) में सुनवाई करते हुए वाद संख्या 15790/2019 में पारित आदेश दिनंाक 26.08.2022 का अनुपालन न करने के लिए श्री दीपक कुमार, प्रमुख सचिव, शिक्षा, लखनऊ को अवमानना का नोटिस जारी किया है। माननीय उच्च न्यायालय ने संज्ञान लिया कि स्टैडिंग काउन्सल को अनुपालन का हलफनामा जमा करने के लिए समय देने के बावजूद आज तक आदेश दिनांक 26.08.2022 का अनुपालन नहीं किया गया है। उक्त अवमानना आवेदन में आदेश दिनांक 15.12.2023 के अन्तर्गत माननीय उच्च न्यायालय ने अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है, जिसे न कर पाने की स्थिति में माननीय उच्च न्यायालय इसके लिए दोषी प्राधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होने का निर्देश दे सकती है।
ज्ञात हो कि राज्य सरकार को प्रत्येक कैलेण्डर वर्ष में उत्तर प्रदेश के सभी स्कूलों के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 12(2) के अनुरूप प्रतिपूर्ती राशि का निर्धारण करना होता है। उत्तर प्रदेश राज्य ने वर्ष 2013 से अभी तक इसकी घोषणा नहीं की है। इस संबंध में लखनऊ लखनऊ एस्थेटिक डेवलेपमेन्ट सोसाइटी ने वर्ष 2019 में माननीय उच्च न्यायालय में वाद संख्या 15790 दाखिल किया था, जिसे माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 26.08.2022 के द्वारा स्वीकार कर लिया गया था। जिसमें माननीय उच्च न्यायालय ने प्रत्येक कैलेण्डर वर्ष में प्रति छात्र व्यय की घोषणा करने के लिए निर्देश दिया था।

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *