पेपर लीक से यूपी के 60 लाख युवा बर्बाद, अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरा
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यूपी पुलिस सिपाही भर्ती पेपर लीक के मामले में परीक्षा आयोजित करने वाली गुजरात की कंपनी का ही नाम आने के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव अब योगी सरकार पर हमलावर हो गए हैं।उन्होंने कंपनी के मालिक के विदेश भाग जाने पर सरकार को घेरते हुए यहां तक कहा कि केवल कंपनी ही नहीं इसमें संलिप्त मंत्री और अधिकारी की भी जांच की जाए। जब तक जांच पूरी न हो जाए इन लोगों को कार्यमुक्त भी किया जाए। अखिलेश यादव ने कंपनी मालिक के खिलाफ एफआईआर की कापी भी सार्वजनिक करने की मांग की है। सरकार को यह भी चैलेंज किया कि टीम गुजरात भेजकर उसकी संपत्ति से खामियाजा वसूलने की हिम्मत दिखाए। अखिलेश ने कहा कि यूपी के आक्रोशित युवा पूछ रहे हैं कि यूपी के बुलडोजर के पास बाहर के राज्यों में जाने का लाइसेंस और साहस है क्या? और ये भी कि जिस मंत्रालय के तहत पुलिस भर्ती परीक्षा हुई थी उसके मंत्री और अधिकारियों की तरफ बुलडोज़र मुड़ता भी है या नहीं।अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि ये आरोप बेहद गंभीर है कि पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर आयोजित करवाने वाली गुजरात की कंपनी का ही पेपर लीक करवाने में हाथ है। उसका मालिक जब सफलतापूर्वक विदेश भाग गया तो यूपी सरकार ने उसके बारे में जनता को बताया और जनता के ग़ुस्से से बचने के लिए दिखाने भर के लिए उस कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया। अखिलेश ने कहा कि सरकार उस कंपनी और उसके मालिक के खिलाफ FIR की कॉपी सार्वजनिक करे। गुजरात भेजकर उसकी संपत्ति से खामियाजा वसूलने की हिम्मत दिखाए। ऐसे आपराधिक लोग यूपी के 60 लाख युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने के दोषी हैं। यूपी की भाजपा सरकार साबित करे कि वो इन अपराधियों के साथ है या प्रदेश की जनता के साथ है।

ये भ्रष्टाचार की साझेदारी है
अखिलेश ने आगे यह भी लिखा कि यूपी में काम करने वाली हर कंपनी के इतिहास और उसकी सत्यनिष्ठा-गुणवत्ता की जांच की जाए। जब बेईमान और कलंकित कंपनियों को काम दिया जाए तो जनता को समझ लेना चाहिए कि इसमें काम देनेवाले उप्र सरकार के उस मंत्रालय और उसके विभाग के लोगों की भी हिस्सेदारी है मतलब ‘ये भ्रष्टाचार की साझेदारी’ है। इस परीक्षा के आयोजन से संबंधित कंपनी ही नहीं बल्कि हर एक संलिप्त मंत्री या अधिकारी की भी जांच हो और जब तक जांच पूरी न हो जाए, तब तक उसे उसके काम से मुक्त रखा जाए और संलिप्तता सिद्ध होने पर बर्खास्त करके कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।

बाहरी कंपनियों की गहन जांच हो
अखिलेश ने कहा कि हम मांग करते हैं कि उप्र में काम कर रही या काम करने की इच्छुक हर बाहरी कंपनी की गहन जांच हो और सब कुछ सही पाये जाने पर ही काम दिया जाए। ऐसा नहीं करने पर जब काम गलत होता है तो उससे यूपी की छवि को ठेस पहुंचती है और प्रदेश के पैसों की बर्बादी भी होती है। इन सबका ख़ामियाज़ा आख़िर में आम जनता को ही भुगतना पड़ता है। साथ ही ये भी मांग है कि उप्र की कंपनियों को प्राथमिकता दी जाए और केवल तभी बाहरी कंपनियों को काम दिया जाए। जब यूपी के सरकारी विभागों, निगमों, बोर्डों या स्थानीय कंपनियों के पास कार्य को समय की सीमा में गुणवत्तापूर्वक संपन्न कराने या उतने बड़े काम नहीं करने के अनुभव का अभाव हो।

कहा कि यूपी के आक्रोशित युवा पूछ रहे हैं कि यूपी के बुलडोज़र के पास बाहर के राज्यों में जाने का लाइसेंस और साहस है क्या? और ये भी कि जिस मंत्रालय के तहत पुलिस भर्ती परीक्षा हुई थी उसके मंत्री और अधिकारियों की तरफ बुलडोज़र मुड़ता भी है या नहीं। यूपी की जनता ये भी याद रखे कि ये वो ही भाजपा सरकार है, जो कल तक ठेके पर पुलिस रखने का फ़रमान निकाल रही थी। विभिन्न परीक्षाओं का पेपर लीक होना, सरकार की सत्यनिष्ठा पर सवालिया निशान है।

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