पेंडिंग केसेज पर इंटरव्यू देने का अधिकार नहीं, जजों पर क्यों भड़का सुप्रीम कोर्ट
Sharing Is Caring:

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पेंडिंग केसेज पर जजों के इंटरव्यू पर सख्त ऐतराज जताया। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने कलकत्ता हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से चार दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्या जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने पश्चिम बंगाल में स्कूल में रिश्वत के बदले रिश्वत मामले में न्यूज चैनल को इंटरव्यू दिया था? चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने इसको लेकर कड़ा ऐतराज जताया। चीफ जस्टिस ने कहा कि जजों को पेंडिंग मामलों पर इंटरव्यू देने का कोई अधिकार नहीं है।

गुरुवार तक मांगा जवाब
बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता, टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय द्वारा टीवी पर दिए इंटरव्यू के अनुवाद की कॉपी सौंपी है। इसको लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया गया है। उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है कि क्या उन्होंने समाचार चैनल को ऐसा इंटरव्यू दिया है? रजिस्ट्रार जनरल को इस मामले में गुरुवार या उसके पहले एफिडेविट फाइल करने के लिए कहा गया है। हम शुक्रवार को इस मामले को लिस्ट करेंगे।

जांच के आड़े नहीं आएगा फैसला
इस दौरान शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि उनका फैसला सीबीआई और ईडी द्वारा की जा रही जॉब स्कैम की जांच के रास्ते में नहीं आएगा। केंद्रीय जांच एजेंसियों की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि इससे चल रही जांच रुक सकती है। इस पर पीठ ने कहा कि जस्टिस को को सिंगल जज की बेंच सामने पेंडिंग मामले के बारे में इंटरव्यू नहीं देना चाहिए। वहीं, अभिषेक बनर्जी की तरफ से पेश हुए एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस गंगोपाध्याय के इंटरव्यू को शेयर किया। इसमें जस्टिस टीएमसी सांसद के खिलाफ बोल रहे हैं।

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version