पुलिस ने खाली करवाया जंतर-मंतर, खत्म हो गया पहलवानों का आंदोलन?
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दिल्ली के जंतर-मंतर और आसपास की सड़कों पर दिन भर पुलिस और पहलवानों के बीच दंगल का दौर चला। नये संसद भवन के सामने महिला महापंचायत करने पर अड़े पहलवानों को रोकने में दिल्ली पुलिस के भी पसीने छूट गए।

हालांकि, पुलिस ने उनके मार्च को नाकाम कर दिया और कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें हिरासत में आखिरकार ले ही लिया। दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर के पास से पहलवानों के धरना प्रदर्शन के लिए बनाए गए तंबू-टेंट हटवा दिए। इसके अलावा पुलिस ने चारपाई, गद्दे, कूलर और पंखे भी वहां से हटवा दिये। जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि अब पहलवानों का आंदोलन खत्म हो जाएगा और दिल्ली पुलिस इन पहलवानों को दोबारा जंतर-मंतर पर जाने की इजाजत शायद नहीं देगी। लेकिन इन कयासों के बीच महिला पहलवान साक्षी मलिक ने हुंकार भरी है।

चोटी की कुश्ती खिलाड़ी महिला पहलवान ने ट्वीट कर कहा, ‘हमारा आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। पुलिस हिरासत से छूटकर हम वापस जंतर-मंतर पर अपना सत्याग्रह शुरू करेंगे। इस देश में अब तानाशाही नहीं, बल्कि महिला पहलवानों का सत्याग्रह चलेगा।’ साक्षी मलिक उन पहलवानों में शामिल हैं जिन्हें दिल्ली पुलिस ने रविवार के प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिया था। साक्षी मलिक के अलावा विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया समेत कई अन्य पहलवानों को भी हिरासत में लिया गया था। कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कई पहलवानों को हिरासत में लेने के बाद उन्हें बुरारी स्थित एक निजी फार्म हाउस में रखा गया था। इस फार्म हाउस को पुलिस ने अस्थाई जेल के रूप में तब्दील किया था।

महिला आयोग का पुलिस कमिश्नर को खत

दिल्ली पुलिस की तरफ से कहा गया है कि पहलवानों को नये संसद भवन की तरफ जाने की इजाजत नहीं दी गई थी। बावजूद इसके उन्होंने कानून का उल्लंघन किया और बैरिकेड तोड़ नये संसद भवन तक जाने की कोशिश की है। जिसके बाद पुलिस ने ऐक्शन लेते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया। इस दौरान पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच धक्कामुक्की की कई तस्वीरें भी सामने आईं हैं। इधऱ दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को खत लिख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने अपने खत में हिरासत में लिए गए पहलवानों को रिहा करने और उन्हें हिरासत में लेने वाले अफसरों पर कार्रवाई किये जाने की मांग की है।

विनेश फोगाट ने कही यह बात

बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी पहलवानों और उनके समर्थकों को दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया है। बजरंग पूनिया को मयूर विहार के समीप पुलिस थाने में हिरासत में रखा गया है जबकि साक्षी बुराड़ी में है। विनेश और संगीता को कालकाजी ले जाया गया। हिरासत में लिए जाने के बाद पहलवान विनेश ने कहा कि उन्हें न्याय मांगने की सजा मिल रही है। उन्होंने कहा कि आरोपी आजाद घूम रहा है, उसे सरकार पनाह दे रही है और देश के लिए पदक जीतने वाले हम खिलाड़ियों को देश की बेटियों के लिए न्याय मांगने के लिए अब जेल में डाला जा रहा है। ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने इससे पहले एक ट्वीट में लिखा था, ‘हमारे चैंपियंस के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। दुनिया हमें देख रही है। यौन शोषण करने वाला बृजभूषण आज संसद में बैठा है और हमें सड़क पर घसीटा जा रहा है। भारतीय खेलों के लिए दुखद दिन है।’

बहरहाल बता दें कि शीर्ष पहलवान पिछले कई दिनों से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। इन पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर कुछ नाबालिग महिला पहलवानों के यौन शोषण का गंभीर आरोप लगाया है। पहलवान बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है और नाबालिग महिला पहलवानों के बयान भी दर्ज किये गये हैं। हालांकि, बृजभूषण शरण सिंह अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करते रहे हैं।

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