पांच हजार साल बाद अयोध्या को निकलीं राम चरण पादुकाएं, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
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प्रभु करि कृपा पांवरी दीन्हीं, सादर भारत शीश धरि लीन्ही…. त्रेतायुग के उस दृश्य को याद कीजिए जब श्री राम रघुवंश के वचनों का मान रखने के लिए वापस अयोध्या जाने से इनकार कर देते हैं।

आंखों में अश्रुधारा लिए बिलखते भरत के अनुनय पर श्री राम अपनी खड़ाऊ उन्हें देते हैं, जिन्हें शीश पर धरकर भरत अयोध्या के लिए निकल पड़ते हैं…सोमवार को चित्रकूट के भरतकूप से मानो इतिहास ने एक बार फिर इस भाव विह्वल कर देने वाले प्रसंग को दोहराने की शुरुआत कर दी।

दो दिन पहले यहां लाई गईं चरण पादुका पांच हजार साल बाद भरतकूप में महास्नान के बाद उसी रास्ते अयोध्या के लिए निकलीं, जिस रास्ते इन्हें लेकर भरत गए थे। मकर संक्रांति पर सोमवार को गाजे-बाजे के साथ भगवान राम की इस चरण पादुका यात्रा के भव्य शुभारंभ पर भगवान राम की तपोभूमि जयघोष से गूंज उठी। चरण पादुका यात्रा जहां-जहां से निकल रही है, लोग पुष्पवर्षा और जय श्री राम के नारे लगाकर अपने उत्साह का जमकर बखान कर रहे हैं। यात्रा प्राण-प्रतिष्ठा से दो दिन पहले 19 जनवरी को अंतिम पड़ाव अयोध्या पहुंचेगी।

अयोध्या से आई पूजित चरण पादुका व श्रीराम चरण चिह्न का मकर नक्षत्र में सुबह उसी स्थान पर मंदाकिनी के पवित्र जल से स्नान व पूजन हुआ, जहां भगवान राम वनवासकाल में सबसे पहले ठहरे थे। सबसे पहले रामघाट में कड़ी सुरक्षा के बीच यात्रा की अगुवाई कर रहे सत्यनारायण मौर्य उर्फ सत्या बाबा, भरत मंदिर के महंत दिव्य जीवनदास महाराज ने साधु-संतों के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मंदाकिनी के पवित्र जल से चरण पादुकाओं की पूजा की। इस बीच जय श्रीराम के जयकारों से धर्मनगरी गूंज उठी।

यहां से यात्रा भरत मिलाप मंदिर, लक्ष्मण पहाड़ी, कामतानाथ तृतीय मुखारबिंद, खोही होते हुए कड़ी सुरक्षा के बीच भरतकूप पहुंची। यहां से रामायण मेला परिसर तक पहुंचने के बाद यात्रा को विश्राम दिया गया। जगह-जगह लोगों ने पुष्पवर्षा की। यात्रा मंगलवार सुबह यहां से आगे के लिए रवाना होगी। बेडीपुलिया, मुख्यालय कर्वी होते हुए गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली राजापुर होते हुए यात्रा कौशांबी पहुंचेगी। जगह-जगह यात्रा के ठहराव निर्धारित किए गए है। जिनमें यात्रा का जोरदार स्वागत किया जाएगा। प्रशासन की ओर से रुट पर सुरक्षा से लेकर सभी तैयारियां की जा चुकी है। सोमवार को राजापुर कस्बे में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को लेकर तैयारियों को अंतिम रुप दिया गया।

इस रूट से जाएगी यात्रा

चरणपादुका यात्रा 15 को भरतकूप (चित्रकूट) से निकलने के बाद यहां रात्रि विश्राम करेगी। कलश में संगम का जल लेने के लिए अगली सुबह 16 जनवरी को राजापुर, मंझनपुर होते हुए प्रयागराज को प्रस्थान करेगी। यहां रात्रि विश्राम के बाद 17 जनवरी को प्रयागराज के ही श्रृंगवेरपुर जाएगी। यहां गंगा जल से पादुका स्नान-पूजन होगा। 18 जनवरी को यात्रा यहां से प्रतापगढ़ होते हुए सुल्तानपुर पहुंचेगी। 19 जनवरी को यात्रा नंदीग्राम के रास्ते अयोध्या पहुंचेगी।

चरण पादुका दर्शन को उमड़ा सैलाब

धर्मनगरी में भगवान राम की चरण पादुका के दर्शनों के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। यात्रा के स्वागत के लिए जगह-जगह तोरण द्वार बनाए गए थे। जिनको फूल-मालाओं से भव्य तरीके से सजाया गया था। हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता यात्रा के साथ जयघोष करते रहे। लोगों ने जगह-जगह यात्रा को रोककर चरण पादुका के दर्शन किए और आरती उतारी। इसके साथ ही लोगों ने छतों से पुष्प वर्षा भी किया। सांसद आरके सिंह पटेल, पूर्व मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय समेत समस्त प्रशासनिक अफसर और नेता मौजूद रहे।

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