पांच साल में जारी हुए 18 करोड़ 24 लाख ई-चालान, गडकरी ने संसद में दिया जवाब
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सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में दिए जवाब में बताया है कि पिछले पांच साल में 18 करोड़ 24 लाख 5 हजार 50 ई चालान जारी किए गए हैं. इनसे सरकार को अरबों रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई है. ई चालान काटने में सबसे अव्वल राज्य तमिलनाडु रहा है, जहां अकेले 5 साल में 5 करोड़ से ज्यादा ई चालान जारी किए गए हैं.संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए नितिन गडकरी ने बताया कि 1 जनवरी 2019 से दिसंबर 2023 की अवधि में ही ई चालान से सरकार ने तकरीबन 12 हजार 631 करोड़ 97 लाख 14 हजार 315 रुपये की कमाई की है. तमिलनाडु में जारी किए गए 5 करोड़ से ज्यादा ई चालान के बदले 755 करोड़ से अधिक की राशि वसूली गई. इसके अलावा दिल्ली में 90 लाख 22 हजार 711 ई चालान काटे गए, जिससे सरकार को 571 करोड़ 43 लाख 38 हजार 802 रुपये की कमाई हुई.ई चालान काटने के मामले में तमिलनाडु के बाद उत्तर प्रदेश रहा, लेकिन सबसे ज्यादा राजस्व यूपी ने ही कमाया. पिछले पांच सालों में उत्तर प्रदेश में ई चालान से प्राप्त राजस्व का आंकड़ा तकरीबन 24 अरब, 95 करोड़ 18 लाख रुपये से ज्यादा है. ई चालान जारी करने में तीसरा नंबर केरल का है, जहां 1 करोड़ 88 लाख 35 हजार 738 ई चालान जारी किए गए, इससे 690 करोड़ 92 लाख रुपये राजस्व मिला. चौथा नंबर हरियाणा का है, जहां 1 करोड़ 03 लाख ई चालान जारी किए गए और इनसे प्राप्त राजस्व 14 अरब 65 करोड़ से ज्यादा रहा.पांचवें नंबर पर दिल्ली, राजनाथ, ओडिशा, बिहार जैसे राज्य रहे. इनमें 31 वें नंबर पर लद्दाख रहा, जहां सबसे कम 651 ई चालान काटे गए. इन चालान के बदले वहां प्रशासन को 2 लाख 96 हजार 625 रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई. सबसे कम ई चालान जारी करने के मामले में दूसरे नंबर पर सिक्किम और तीसरे नंबर पर मणिपुर रहा. इसके बाद मिजोरम, दादरा नागर हवेली, मेघायल का नंबर रहा.

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