खरमास खत्म होते ही बिहार में राजनीतिक अटकलबाजी बढ़ गई है। केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति पारस ने संकेत दिया है कि जनवरी के अंत तक नीतीश कुमार की जेडीयू वापस एनडीए में आ सकती है।
पटना में पत्रकारों से बातचीत में पारस ने कहा कि खरमास खत्म हो गया है। अब सही समय का इंतजार है। महीने के अंत तक जो होगा, बिहार के लिए अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि समय बलवान होता है, आदमी नहीं। इस समय नीतीश उलझन में हैं, लेकिन वो फैसला लेंगे और वो राज्य के लिए अच्छा होगा। दो दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने ने भी कहा था कि जो भी परिवर्तन होगा, वह राज्यहित में होगा।
पशुपति पारस ने यह भी कहा कि हमारा एनडीए गठबंधन और मजबूत होगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि नीतीश कुमार के एनडीए में वापसी के बाद विपक्षी इंडिया गठबंधन पूरी तरह से बिखर जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि इसका मतलब जनवरी के अंत तक नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी हो जाएगी तो उन्होंने एक बार फिर कहा कि व्यक्ति नहीं बल्कि समय बलवान होता है और समय का इंतजार कीजिये। बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब नीतीश कुमार को लेकर पशुपति पारस की ओर से ऐसा बयान सामने आया है। इससे पहले सितंबर 2023 में भी उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार अगर एनडीए में वापस आते हैं तो उनका स्वागत है।
पीएम मोदी को नहीं चुनौती दे सकता इंडिया गठबंधन का कोई नेता: पारस
पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि इंडिया गठबंधन के पास कोई ऐसा नेता नहीं जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुनौती दे सके। पारस ने कहा कि इंडिया गठबंधन में 28 दल हैं, लेकिन सभी नेता अपने-अपने राज्य में सीट शेयरिंग पर चुप्पी साध रहे हैं। यही नहीं वे कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं। इस परिस्थिति में महागठबंधन एनडीए को कैसे चुनौती देगा?
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने अगस्त 2022 में एनडीए से अलग होकर महागठबंध के साथ लालू यादव की पार्टी आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों के साथ मिलकर सरकर बनाई थी। इस बीच पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक गलियारे में बिहार में बड़े बदलाव को लेकर अटकलबाजी चल रही है। अब पशुपति पारस के ताजा बयान ने राज्य में पड़ रही कड़ाके की ठंड के बीच सियासी तपिश को बढ़ा दिया है।