उत्तर प्रदेश सरकार का पूरा फोकस प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने पर है। पर्यटन स्थलों का कायाकल्प कर के कनेक्टिविटी के लिए ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर को बीते साढ़े सात साल में सुदृढ़ किया गया है।जिसकी वजह से 2023 में 48 करोड़ से अधिक पर्यटक यूपी भ्रमण पर आए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब प्रदेश में पर्यटन सेक्टर को पांच गुना बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है।पर्यटन सेक्टर का ग्रॉस वैल्यू ऐडेड (जीवीए) जहां वित्त वर्ष 2016-17 में 11 हजार करोड़ रुपये था, वहीं इसे वित्त वर्ष 2028 तक 70 हजार करोड़ रुपये करने का लक्ष्य सरकार लेकर चल रही है। सरकार का लक्ष्य 2028 तक यूपी में 80 करोड़ से अधिक पर्यटकों को लाने पर भी है।
विश्वस्तरीय सुविधाओं के विकास पर जोर
मुख्यमंत्री की मंशा है कि प्रदेश के औद्योगिक विकास के साथ ही राज्य में पर्यटन गतिविधियों को और अधिक बढ़ाया जाए। धार्मिक दृष्टि से प्रदेश में कई महत्वपूर्ण स्थल हैं जहां प्रतिदिन लाखों यात्रियों का आगमन हो रहा है। काशी, अयोध्या, मथुरा, चित्रकूट, प्रयागराज, नैमिषारण्य, गोरखपुर जैसे धार्मिक महत्व वाले शहरों में विगत साढ़े सात साल में पर्यटन गतिविधियां अप्रत्याशित रूप से बढ़ी हैं। इन शहरों में विश्वस्तरीय सुविधाओं के विकास के साथ ही सरकार का ध्यान यहां आने वाले पर्यटकों को एक से अधिक डेस्टिनेशन्स तक ले जाने की है। इसके अलावा पर्यटकों को स्थानीय उत्पादों को खरीदने के लिए प्रेरित करने के लिए ओडीओपी की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है।