पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव होने हैं। इसके सिलसिले में नामांकन दाखिल करने को लेकर विभिन्न जगहों पर हिंसा हो रही है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी दलों के कार्यकर्ता बुधवार को आपस में भिड़ गए।
भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया। राज्य के दक्षिण 24 परगना और बांकुड़ा जिलों में नामांकन दाखिल करने को लेकर लगातार 5वें दिन भी हिंसा जारी रही।
इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) और तृणमूल के समर्थक कोलकाता से करीब 30 किलोमीटर दूर दक्षिण 24 परगना के भांगर इलाके में आपस में भिड़ गए। स्थिति पर काबू के लिए भारी पुलिस बल वहां भेजा गया, जिसने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। दोनों दलों के समर्थकों ने एक-दूसरे को नामांकन दाखिल करने से रोकने की कोशिश की। इस दौरान उन्होंने बम फेंके और कई कारों को नुकसान पहुंचाया। पुलिस के अनुसार दोनों पक्षों के कई कार्यकर्ता घायल हो गए।
नामांकन दाखिल करने से रोकने का आरोप
जिले के कैनिंग इलाके में भी हिंसा हुई। यहां तृणमूल के असंतुष्ट गुटों के सदस्यों से जुड़े उपद्रवियों ने पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोकने की कोशिश की। पुलिस ने बताया कि उपद्रवियों ने त्वरित कार्रवाई बल (RAF) के जवानों पर बम फेंके और पथराव किया> स्थिति पर काबू के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। अधिकारियों के अनुसार, बांकुड़ा के इंदास इलाके में नामांकन केंद्र के बाहर भाजपा कार्यकर्ताओं की तृणमूल समर्थकों से झड़प हो गई। पुलिस द्वारा स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश किए जाने के बावजूद दोनों दलों के समर्थक आपस में भिड़ गए और एक-दूसरे पर पथराव किया।
TMC और विपक्ष दल एक-दूसरे पर हमलावर
पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 9 जून को शुरू हुई और उसके बाद से ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में नामांकन रोकने के लिए हिंसक घटनाएं हुईं। भाजपा, कांग्रेस और माकपा आदि विपक्षी दलों ने तृणमूल पर दूसरे दलों के उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोकने के लिए बाहुबल का उपयोग करने का आरोप लगाया है। आईएसएफ नेता और भांगर के विधायक नौशाद सिद्दीकी ने कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस के गुंडे हमारे उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोकने के लिए कल रात से हिंसा पर उतारू हैं।’
बयानबाजियों का दौर भी जारी
तृणमूल के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि आईएसएफ इलाके में हिंसा भड़काने की कोशिश कर रही है। सत्ता पक्ष ने विपक्षी दलों से अपने उम्मीदवारों की पूरी सूची जारी करने को भी कहा, ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें नामांकन दाखिल करने में मदद मिल सकती है। वहीं, आईएसएफ के विधायक नौशाद सिद्दीकी उनके निर्वाचन क्षेत्र के जमीनी हालात के बारे में सूचित करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने पहुंचे। लेकिन दक्षिण 24 परगना जिले की भांगर निर्वाचन सीट से विधायक सिद्दीकी, बनर्जी की व्यस्तता के चलते उनसे मुलाकात नहीं कर सके और वापस लौट गए।