दिल्ली हाईकोर्ट ने नेशनल हेराल्ड मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी से दलीलों पर संक्षिप्त नोट दाखिल करने को कहा है। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की अदालत ने सुब्रमण्यम स्वामी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी को इसके लिए 4 हफ्ते की मोहलत दी।
अदालत ने कहा कि इसके बाद लिखित दलीलें 15,000 रुपये के शुल्क के साथ स्वीकार की जाएंगी।
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की अदालत ने इस मामले में अब 29 अक्टूबर की तारीख दी है। इस दिन विभिन्न पक्षों की ओर से बहस होगी। अदालत भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें नेशनल हेराल्ड मामले में निचली अदालत के समक्ष साक्ष्य पेश करने की मांग की गई थी। इस मामले में सोनिया गांधी एवं अन्य आरोपी हैं।
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने 22 फरवरी, 2021 को सोनिया गांधी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव ऑस्कर फर्नांडीस (दिवंगत), सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडिया को नोटिस जारी किया था। अदालत ने इस नोटिस में सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए थे। साथ ही मामले की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि अगली सुनवाई तक मामले पर निचली अदालत की कार्यवाही पर अंतरिम रोक जारी रहेगी। कांग्रेस नेताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस चीमा और तरन्नुम चीमा ने अदालत में दलीलें रखी। सुब्रमण्यम स्वामी ने 11 फरवरी, 2021 के ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था।
इसमें सुब्रमण्यम स्वामी गांधी परिवार एवं अन्य आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए सबूत पेश करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने याचिका दाखिल की थी लेकिन ट्रायल कोर्ट ने इसको खारिज कर दिया था। ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश ने कहा था कि मामले में उनकी जांच पूरी होने के बाद ही साक्ष्य पेश करने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 244 के तहत स्वामी के आवेदन पर विचार किया जाएगा।