भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ एकजुट विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की चौथी मीटिंग दिल्ली में मंगलवार को हो रही है। मीटिंग के लिए बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार सोमवार को दोपहर बाद पटना से रवाना होंगे।
मध्य प्रदेश में हार और छत्तीसगढ़-राजस्थान में सरकार गंवाने के बाद बिहार में कुछ कांग्रेस विधायकों ने कहा था कि नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन का नेता घोषित करके 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए। लेकिन ऐसा लगता है कि कांग्रेस नेतृत्व नीतीश को नेता मानने को तैयार नहीं है। बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने जेडीयू नेताओं द्वारा नीतीश को सर्वगुण संपन्न नेता बताने पर कहा है कि उन्हें नहीं पता कि सर्वगुण संपन्न नेता की परीक्षा कहां होती है।
जेडीयू मंत्री और नेता समय-समय पर पीएम पद की दावेदारी पर कहते रहे हैं कि नीतीश सर्वगुण संपन्न नेता हैं। हालांकि नीतीश खुद कई बार मना कर चुके हैं कि वो पीएम पद की रेस में नहीं हैं और उनका मकसद सिर्फ भाजपा को हराने के लिए सभी दलों को एकजुट करना है। अखिलेश से मीडिया ने पूछा था कि जेडीयू नीतीश को सर्वगुण संपन्न बता रही है। इस पर अखिलेश ने कहा कि उन्हें नहीं पता है कि सर्वगुण संपन्न नेता की परीक्षा कहां होती है और इसमें नंबर कौन देता है। हालांकि अखिलेश ने ये जरूर कहा कि नीतीश एक बड़े नेता हैं लेकिन गठबंधन का नेता कौन होगा, ये सब मीटिंग में ही तय होता है।
एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की हार के बाद बिहार की कांग्रेस विधायक नीतू सिंह ने कहा था कि कांग्रेस को बड़ा दिल दिखाना चाहिए और नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए। नीतू सिंह के बयान से कांग्रेस ने यह कहकर दूरी बना ली थी कि ये उनका निजी विचार है। पिछले हफ्ते कांग्रेस के दूसरे विधायक सुनील तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने भी नीतीश की तारीफ करते हुए कहा कि नीतीश के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव लड़ने पर बेहतर परिणाम आएगा। तिवारी ने कहा कि मकर संक्रांति के बाद नीतीश को इंडिया गठबंधन का नेतृत्व सौंप देना चाहिए।