नीति आयोग ने पूछा फ्री राशन और स्‍पेशल पैकेज कितने सही, मीटिंग से पहले राज्‍यों से मांगी राय
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मुफ्त राशन और विशेष पैकेज कितने सही हैं। आत्मनिर्भर भारत बनाने और रोजगार को बढ़ावा देने की राह इनसे कितनी प्रशस्त होगी। नीति आयोग ने यूपी सहित सभी राज्य सरकारों से ऐसे तमाम बिंदुओं पर मंतव्य मांगा है।नीति आयोग की गवर्निंग बॉडी की नौंवी बैठक आगामी 27 जुलाई को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होनी है। इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक भी भाग लेंगे। बैठक के एजेंडे में बाढ़ और सूखे की विभीषिका से देश के बड़े हिस्से को बचाने के लिए नदी जोड़ो अभियान को भी शामिल किया गया है।

नीति आयोग ने बैठक से जुड़ा विजन डॉक्यूमेंट सभी राज्यों को भेजकर उनसे बिंदुवार राय मांगी गई है। इसमें कहा गया है कि भारत का लक्ष्य विकसित राष्ट्र की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करने के साथ एक वैश्विक शक्ति बनना है। इसके प्रमुख कारकों में मानव पूंजी, बुनियादी सुविधाएं, आर्थिक मानदंड, प्रति व्यक्ति जीडीपी में सुधार, औद्योगिकीकरण, जीवन स्तर, साक्षरता, शिक्षा तक पहुंच, स्वास्थ्य देखभाल और बेहतर मानव विकास सूचकांक शामिल है। इस लक्ष्य को पाने के लिए राज्यों के साथ इन्हें जोड़ा जाना शामिल है ताकि मानव विकास सूचकांक को 0.64 के मौजूदा स्तर से 1.0 से ऊपर तथा रैंकिंग को 134 से घटाकर शीर्ष 10 देशों की सूची में लाया जा सके। देश में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को 2500 डॉलर के मौजूदा स्तर से 20 हजार डॉलर तक पहुंचाने की भी जरूरत बताई गई है।

सिर्फ नदी सफाई योजनाएं नाकाफी
असम, बिहार, यूपी, ओडिशा जैसे कई राज्य हर साल बाढ़ के गवाह बनते हैं। विकास के विजन को पूरा करने के लिए इसे प्राथमिकता पर मैप करने की जरूरत है। विजन डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि गंगा-यमुना या अन्य नदियों की सिर्फ सफाई योजनाओं से स्थायी समाधान नहीं मिलेगा। इसके लिए नदियों की सतह पर जमीं गाद को हटाना यानि डीसिल्टिंग करनी होगी। वहीं हर घर जल पहुंचाने की योजना को सराहा गया है। इसे पूरे भारत में पहुंचाने की जरूरत भी बताई गई है। राज्यों से उद्यमियों के लिए व्यापार करने में आसानी, कर छुट्टियों और रियायतों के साथ निजी क्षेत्र में उद्योगों को बढ़ावा देने सहित अन्य विषयों पर भी सुझाव मांगे गए हैं।

एकल परिवारों से बढ़ रहीं बुजुर्गों की दिक्कतें
देश में बढ़ती एकल परिवार व्यवस्था के कारण बुजुर्गों की बढ़ती दिक्कतें भी चिंता का कारण है। विभिन्न कारणों से मानसिक तनाव के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। इसके निदान के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं को बड़े शहरों से छोटे शहरों और उपनगरीय इलाकों तक पहुंचाने की योजना पर आगे बढ़ने की जरूरत बताई गई है। स्वास्थ्य और फार्मा से जुड़े चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में शोध को बढ़ावा देने पर फोकस होगा। आकांक्षी जिलों और ब्लाकों तक स्वास्थ्य संसाधनों की पहुंच बढ़ाने को भी विजन डॉक्यूमेंट में शामिल किया गया है।

ताकि स्कूल स्तर से तैयार हो सकें पेशेवर
शिक्षा क्षेत्र में नवाचारों को स्कूल स्तर से बढ़ावा देने के विजन पर भी बैठक में चर्चा होगी। इसके लिए कृषि, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, फार्मास्यूटिकल, साइंस, एयरोस्पेस जैसे विषयों को स्कूल स्तर से पढ़ाए जाने जैसे सुझाव शामिल किए गए हैं। ताकि स्कूली स्तर पर ही देश के लिए पेशेवरों की पौध तैयार की जा सके। इसके अलावा पढ़ाई के साथ ही इंटर्नशिप पर भी फोकस है। तीन साल के ग्रेजुएशन के साथ कम से कम तीन माह के औद्योगिक या सेवा क्षेत्र में प्रशिक्षण हो। बीटेक, पीजी या एमबीए करने वालों के लिए यह प्रशिक्षण छह माह का हो ताकि वे रोजगार के लिए पसंदीदा क्षेत्र चुन सकें। साक्षरता दर बढ़ाने के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ने पर भी चर्चा होनी है। कृषि विकास के साथ किसानों की आय बढ़ाने पर भी राज्यों से मंतव्य मांगा गया है।

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