प्रयागराज में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) से जुड़े सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सोमवार को यमुना नदी जल सत्याग्रह शुरू कर दिया। इन लोगों ने मांग की कि विभिन्न घाटों पर बालू खनन की अनुमति निषाद और मल्लाह समाज को ही दी जाए।
इन लोगों ने यहां कंजासा में जल सत्याग्रह शुरू किया। भाकियू की युवा इकाई के प्रदेशाध्यक्ष अनुज सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि संगठन के हजारों कार्यकर्ता अपनी 26 सूत्रीय मांगों को लेकर जल सत्याग्रह पर बैठे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी प्रमुख मांगों में यमुना नदी के बालू के घाटों का पट्टा निषाद व मल्लाहों को देना और तहसील व जिला स्तर पर किसानों के लंबित मामलों का तत्काल समाधान शामिल है। सिंह ने कहा कि यह प्रदेश का नहीं बल्कि प्रयागराज जनपद से जुड़ा आंदोलन है, जिसमें यमुनापार के हमारे कार्यकर्ता विशेष रूप से शामिल हैं। जिला प्रशासन द्वारा यहां के घाटों को चालू नहीं करने से यहां के लोग भुखमरी के कागार पर पहुंच गए हैं और वे किसी तरह दो वक्त की रोटी की व्यवस्था कर पा रहे हैं। यही वजह है कि यहां के युवा रोजगार के लिए दिल्ली और मुंबई की ओर पलायन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा सड़क चौड़ीकरण के नाम पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण जिन मकानों को गिरा रहा है, उन मकान मालिकों को मुआवजा दिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि बिना मुआवजा दिए प्रयागराज विकास प्राधिकरण को काम नहीं करने दिया जाएगा।
सिंह ने कहा कि इसी तरह, सोरांव तहसील के अंतर्गत एक पुराने शनिदेव मंदिर पर दबंगों ने पिछले डेढ़ साल से कब्जा कर रखा है। हमारी प्रशासन से मांग है कि मंदिर से कब्जा तत्काल खाली कराया जाए। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाती, हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे और आने वाले समय में इस आंदोलन को और तेज किया जाएगा। सत्याग्रह को लेकर जिला प्रशासन में भी खलबली मची है।