धनतेरस शुभ मुहूर्त- इस बार धनत्रयोदशी यानी धनतेरस शुक्रवार और शनिवार यानी दो दिन तक मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक धनतेरस के इस 25 घंटे 22 मिनट के अबूझ मुहूर्त में लोग खूब खरीदारी कर सकते हैं।
साथ ही धनतेरस पर 30 साल बाद शनिमार्गी होकर कुंभ राशि में रहेंगे। धनतेरस से ही दीपावली का पांच दिवसीय पर्व आरंभ भी हो जाएगा लेकिन इस बार त्योहार पांच के बजाए छह दिन का पड़ रहा है।
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस बार गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दिन न पड़कर एक दिन बाद यानी 14 नवंबर को पड़ रही है क्योंकि 13 नवंबर को स्नान दान श्राद्ध की सोमवती अमावस्या पड़ रही है। इसलिए इस दिन त्योहार, शुभ कार्य व पूजन नहीं हो सकता है।
ज्योतिषाचार्य पं. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि इस बार धनतेरस 10 नवंबर को पड़ रहा है। त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर की दोपहर 12:35 बजे से शुरू होगी, जो कि 11 नवंबर की दोपहर 1:57 बजे तक रहेगी। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि इस बार धनतेरस खरीदारी के लिए 25 घंटे 22 मिनट का मुहूर्त रहेगा। धनतेरस के दिन पूजा प्रदोष काल में होती है, इसलिए धनतेरस 10 नवंबर को मनेगा। धनतेरस पर शुक्र चंद्रमा कन्या राशि में होंगे। धनतेरस पर इस बार कई शुभ संयोग बन रहे हैं। पं. आनंद दुबे ने बताया कि इस दिन व्यापारियों को अपार धन लाभ करवाने वाला हस्तनक्षत्र भी रहेगा। हस्तनक्षत्र में अधिक व्यापार का योग बन रहा है। हस्तनक्षत्र के स्वामी चंद्रमा है। इस हस्तनक्षत्र में की जाने वाली खरीदारी भी बहुत शुभ मानी जाती है। स्थायी संपत्ति और भवन दिलाने वाले शनि भी मार्गी अवस्था में धनतेरस पर 30 साल बाद अपनी मूलत्रिकोण राशि कुंभ में होंगे।
ज्योतिषाचार्य पं. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली और पं. आनंद दुबे ने बताया कि इस दिन धनाध्यक्ष कुबेर की पूजा व धनवंतरी जयंती भी होती है। इसी दिन आयुर्वेद के जन्मदाता भगवान धनवंतरी का समुद्र मंथन से प्राकट्य हुआ था। भगवान धनवंतरि की पूजा कर उनसे आरोग्य की कामना की जाती है। यमदीप दान किया जाता है। शाम को आटे या मिट्टी के दीपक में तेल डालकर चार बत्तियां जलाकर मुख्य द्वार पर रखा जाता है। इस दीपदान से असामयिक मृत्यु का भय समाप्त होता है। इस दिन बर्तन, चांदी, सोना, वाहन, प्रापर्टी, इलेक्ट्रानिक, वस्त्र आदि खरीदना शुभ व समृद्धि कारक होता है।
यह रहेगा शुभ मुहुर्त
खरीदारी करने के लिए इस साल धनतरेस का शुभ मुहूर्त 10 नवंबर शुक्रवार को दिन में 12:35 से शुरू होकर 11 नवंबर शनिवार को दिन में 1:57 बजे तक रहेगा।
अति शुभ मुहूर्त- प्रदोष काल शाम 5:16 से 7:54 (शुभ)
वृषभ लग्न शाम 5:21 से 7:17 बजे तक
शुभ चौघड़िया मुहूर्त 10 नवंबर
अपराह्न मुहूर्त (चर)- 3:56 से 5:18 बजे
अपराह्न मुहूर्त (शुभ)- 12:35 से 1:12 बजे
रात्रि मुहूर्त (लाभ)- 8:34 से 10:12 बजे
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर)- 11:50 से 4:44 बजे (11 नवंबर)
धनत्रयोदशी में व्याप्त शुभ चौघड़िया मुहूर्त- 11 नवंबर
सुबह मुहूर्त (शुभ)- 7:44 से 9:06 बजे
अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत)- 11:50 से 1:57 बजे
धनतेरस में पूजा का शुभ मुहूर्त- प्रदोष काल शाम 5:18 से 7:55
वृषभ लग्न शाम 5:35 से 7:32 बजे तक