दो महीने में UP के 5 माफियाओं का अंत, योगी सरकार ने संशोधित की टॉप 66 अपराधियों की लिस्ट
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यूपी की योगी सरकार ने कुछ समय पहले प्रदेश के टॉप मोस्ट 66 अपराधियों और माफियाओं की सूची जारी की थी। इनमें कई जेलों में बंद थे तो कुछ फरार थे। यह सूची अब संशोधित हो रही है। इन 66 अपराधियों में से पांच का दो महीने के अंदर अंत हो चुका है।

कोई मुठभेड़ में मारा गया तो किसी की हत्या कर दी गई। एक दिन पहले ही हरदोई जेल में कुख्यात अपराधी खान मुबारक की मौत हो गई। खान मुबारक का नाम भी कम कर दें तो संख्या और कम हो जाएगी।

एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस लिस्ट में प्रयागराज के माफिया अतीक अहमद और उसका भाई खालिद अजीम उर्फ ​​अशरफ के अलावा संजीव माहेश्वरी उर्फ ​​जीवा का नाम शामिल था। अतीक-अशरफ की प्रयागराज में 15 अप्रैल को हत्या कर दी गई। उसी स्टाइल में लखनऊ कोर्ट में 7 जून को संजीव माहेश्वर की हत्या हो गई। तीनों हत्याएं नौसिखिया शूटरों ने की। इसके अलावा गैंगस्टर अनिल दुजाना और आदित्य राणा उर्फ ​​रवि की क्रमशः 4 मई और 12 अप्रैल को गौतमबुद्धनगर और बिजनौर में पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया।

एक अधिकारी का कहना है कि 66 माफियाओं और अपराधियों की सूची में पांच नाम कम कर दिए गए हैं। अब इनकी संख्या 61 रह गई है। यह पांचों अपराधी 12 अप्रैल के बाद से अलग-अलग परिस्थितियों में मारे गए या एनकाउंटर में ढेर हो गए।

एक अधिकारी ने कहा कि पिछले दो महीनों में अतीक अहमद के बेटे मोहम्मद असद खान सहित तीन अन्य और उनके करीबी मोहम्मद गुलाम को मार गिराया गया है। यह लोग 24 फरवरी को प्रयागराज में हुई वकील उमेश पाल और उनके दो पुलिस गार्डों की सनसनीखेज हत्या में वांछित थे। 13 अप्रैल को झांसी में असद और गुलाम को मार गिराया गया था। एक अन्य अपराधी मोनू चौधरी को पुलिस ने 2 जून को मुरादनगर, गाजियाबाद में मार गिराया था।

छह अब भी फरार, बद्दो का नाम सबसे ऊपर

टॉप अपराधियों में से छह पिछले कई महीनों से फरार हैं। उनमें से सबसे बड़ा नाम मेरठ के बदन सिंह उर्फ ​​बद्दो का है। बद्दो 28 मार्च को गाजियाबाद की अदालत में पेश होने के बाद फर्रुखाबाद जेल ले जाने के दौरान पुलिसकर्मियों को नशीला पदार्थ खिलाकर मेरठ के एक होटल से पुलिस हिरासत से फरार हो गया था। 26 मई 2019 को राज्य सरकार ने उसकी गिरफ्तारी के लिए इनाम को ₹2.5 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया था।

सूची में दूसरे नंबर पर मुजफ्फरनगर निवासी सुशील मूच का नाम है। वह 21 दिसंबर 2022 को जेल से छूटने के बाद से लापता है। अन्य लोगों में सहारनपुर के हाजी इकबाल उर्फ ​​बाला, मेरठ के विनय त्यागी उर्फ ​​टिंकू, गौतम बुद्धनगर के मनोज उर्फ ​​आस्ते और जावेद उर्फ पप्पू प्रयागराज शामिल है।

20 अपराधी जमानत पर जेल से बाहर

इसके अलावा कम से कम 20 अपराधी जमानत लेकर जेल से बाहर हैं। हालांकि पिछले कुछ वर्षों से किसी आपराधिक गतिविधि में इनका नाम सामने नहीं आया है। इनमें पांच प्रयागराज निवासी जाबिर हुसैन, कमरुल हसन, गणेश यादव, राजेश यादव व बच्चू पासी का नाम है। चार गोरखपुर निवासी राजन तिवारी, विनोद कुमार उपाध्याय, सुधीर कुमार सिंह व राकेश यादव शामिल हैं।

प्रतापगढ़ के तीन अपराधी अनूप सिंह, गुड्डू सिंह व प्रदीप सिंह उर्फ ​​डब्बू सिंह हैं। दो लखनऊ के बच्चू यादव और लल्लू यादव हैं। इसके अलावा कानपुर के सऊद अख्तर, अंबेडकरनगर के अजय प्रताप सिंह उर्फ ​​अजय सिपाही, पीलीभीत के एजाज, देवरिया का संजीव द्विवेदी उर्फ ​​रामू द्विवेदी, वाराणसी का माफिया डॉन बृजेश कुमार सिंह और सहारनपुर का विनोद शर्मा का नाम शामिल है।

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