देश बड़ी तेजी के साथ आर्थिक प्रगति कर रहा, 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने वाला है भारत : राजनाथ सिंह
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नेशनल डेस्क: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि देश तेजी से आर्थिक प्रगति कर रहा है और यह आजादी का शताब्दी समारोह मनाये जाने के समय तक एक विकसित राष्ट्र बनने वाला है।

बिहार के रोहतास जिले में एक निजी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए सिंह ने यह भी उल्लेख किया कि देश की सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ाव बढ़ता जा रहा है और विदेशी लोग ‘इंडिया’ की जगह अक्सर ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं। सिंह ने केंद्र में नरेन्द्र मोदी नीत सरकार बनने के बाद की अवधि का उल्लेख करते हुए कहा कि 2014 में, भारत विश्व की शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं की सूची में सबसे निचले स्थान पर था, लेकिन तब से एक संक्षिप्त अवधि में देश अब शीर्ष पांच में शामिल हो गया है। विश्व में हमारा सम्मान बढ़ रहा अमेरिका के एक बहुराष्ट्रीय निवेश बैंक और वित्तीय सेवाएं कंपनी मॉर्गन स्टेनले की एक हालिया रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ”वैश्विक वित्तीय विश्लेषकों का मानना है कि हम 2027 तक शीर्ष तीन देशों में शामिल होंगे…2047 में देश की आजादी का शताब्दी समारोह मनाने तक हमें अब एक विकसित राष्ट्र बनने का संकल्प लेना चाहिए।” भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ”विश्व में हमारा सम्मान बढ़ रहा है। मुझे पता चला है कि विदेशी अब हमारे देश को इंडिया के बजाय भारत कहने को प्राथमिकता देते हैं।

भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश यह इंगित करता है कि हमारे सांस्कृतिक धरोहर में गौरव की बढ़ती भावना आम जन और राजनीतिक वर्ग द्वारा समान रूप से प्रदर्शित की जा रही है।” सिंह ने कहा, ”स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि आपके देश में दर्जी व्यक्ति को आकार देता है। हमारे देश में चरित्र व्यक्ति का निर्माण करता है।” भाजपा नेता ने कहा कि वह इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, लेकिन कहा, ”धर्म से, हमारा तात्पर्य स्थानों और उपासना के तरीकों से नहीं है, बल्कि जीवन जीने के पूरे तरीके से है। यहां तक कि जहरीले सांप को भी गाय का दूध पिलाया जाता है।” उन्होंने ‘संस्कार’ के महत्व का उल्लेख करते हुए अमेरिकी लेखक थॉमस फ्रेडमैन के एक आलेख का हवाला देते हुए कहा कि भारत की एक प्रमुख आईटी कंपनी इंफोसिस और वैश्विक आतंकी संगठन अलकायदा, किस तरह से अत्यधिक शिक्षित युवाओं पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा, ”यह संस्कार है जिसने ये सारे अंतर लाये हैं।

न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर विमान से हमला करने वाले युवा कौशल प्राप्त और अत्यधिक शिक्षित थे। वहीं, दूसरी ओर, कई युवाओं ने अपने स्टार्ट-अप को बड़ी कंपनी में तब्दील कर दिया है।” पुरान दिनों को याद कर भावुक हुए रक्षा मंत्री सिंह ने छात्रों द्वारा शिक्षकों का आदर किये जाने पर जोर देने के लिए अपने एक व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए कहा, ”मुझे कभी उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री के तौर पर सेवा देने का सौभाग्य मिला था। जब मैं अपने गृह शहर जा रहा था तभी मैंने एक बूढ़े मौलवी को देखा जो सड़क किनारे खड़े थे। उनके हाथ में एक माला थी। मैंने याद किया कि यह वही व्यक्ति हैं जिन्होंने मुझे बचपन में पढ़ाया था। वह कठोरता से पेश आते थे…।” संक्षिप्त अवधि के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे सिंह ने कहा, ”मैंने कार रोकी, नीचे उतरा और उनके पैर छुए।”

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