देश के 80% हिस्से में छाया मानसून, इस साल बनाए दो अनोखे रिकॉर्ड; समझें नया पैटर्न
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देश के करीब 80 फीसदी हिस्से में मानसून पहुंच चुका है। देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की प्रगति पर भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.नरेश कुमार ने कहा है कि इस साल मानसून अब तक भारत के 80 फीसदी हिस्से तक पहुंच चुका है।

उन्होंने कहा कि बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में मानसून निर्धारित समय से पहले ही बहुत तेजी से पहुंचा।

बता दें कि रविवार को दिल्ली और मुंबई में एक ही दिन मॉनसून का आगमन हुआ है। डॉ कुमार ने कहा कि ऐसा 62 साल बाद हुआ है। उन्होंने इसे एक रिकॉर्ड बताया है लेकिन इसे जलवायु परिवर्तन से जोड़कर देखने से इनकार किया है।

उन्होंने कहा कि मानसून के मुंबई पहुंचने की सामान्य तारीख 11 जून और दिल्ली में मानसून के आगमन की सामान्य निर्धारित तारीख 27 जून है, लेकिन दोनों मेट्रो शहरों में एक ही दिन (रविवार- 25 जून को) मानसून पहुंच गया। NDTV से बात करते हुए डॉ. नरेश कुमार ने कहा, इसे सीधे तौर पर जलवायु परिवर्तन से नहीं जोड़ा जा सकता है क्योंकि इसे निर्धारित करने के लिए 30 से 40 वर्षों के डेटा की आवश्यकता होती है। इस बार अचानक बनी भौगोलिक परिस्थितियों के कारण ऐसा हुआ है कि दोनों शहरों में एक ही दिन मानसून पहुंचा है।

उन्होंने यह भी कहा कि इस साल मॉनसून ने नया पैटर्न दिखाया है और देश के अलग-अलग हिस्सों में बहुत तेजी से पहुंचा है। डॉ. कुमार ने कहा कि असम के ऊपर से बादल छंट गए हैं और वहां फिलहाल भारी वर्षा की उम्मीद नहीं है। हालांकि, उन्होंने बताया कि रुद्रप्रयाग और उत्तराखंड के विभिन्न इलाकों में 12 सेमी तक भारी बारिश होने का अनुमान है।

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में खराब मौसम की आशंका के चलते जिला प्रशासन ने उच्च हिमालयी क्षेत्र में पर्यटकों और ट्रैकर्स की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। आगामी 30 जून तक पर्यटकों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। संबंधित जिलाधिकारियों और पर्यटन महकमे को आदेश का पालन के साथ ही पर्यटकों पर निगरानी रखने को कहा गया है।

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