देशभर में थमे पहिए, तेल सप्लाई पर असर; अब हड़ताल का आगे क्या रहेगा हाल
Sharing Is Caring:

भारतीय न्याय संहिता के नए कानूनों के विरोध में सोमवार को देशभर में वाहन चालकों ने हड़ताल की। यह तीन दिवसीय हड़ताल का पहला दिन था और पहले ही दिन कई राज्यों में व्यवस्था चरमराती नजर आई।

इससे पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ सब्जियों और फलों की सप्लाई पर भी असर पड़ा। भारतीय न्याय संहिता के नए प्रावधानों के मुताबिक हिट एंड रन केस के मामले में 7 लाख की पेनाल्टी और 10 साल की जेल हो सकती है। ट्रक, टैक्स और बस ऑपरेटर्स ने सरकार से इस प्रावधान को वापस लेने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे अनावश्यक शोषण को बढ़ावा मिलने का डर है।

मंगलवार को बैठक
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने मंगलवार को फिर से बैठक बुलाई है। उधर सोमवार को महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल, राजस्थान व बिहार में स्थानीय ट्रांसपोर्ट यूनियंस ने निजी बसों, ट्रकों, तेल टैंकरों और टैक्सियों का संचालन बंद रखा। हालांकि विभिन्न राज्यों में बंद का आंशिक असर देखने को मिला। पंजाब, मध्य प्रदेश के इंदौर, गुजरात के सूरत और हरियाणा के अंबाला में भी ड्राइवर्स की हड़ताल रही। चूंकि ऑयल टैंकर ड्राइवर्स भी हड़ताल में शामिल थे, ऐसे में कुछ राज्यों ने तेल में कमी की शिकायत रही।

पंजाब
पंजाब में सरकारी और प्राइवेट दोनों ही ड्राइवर्स हड़ताल पर रहे। इसके चलते कुल 7 लाख ट्रक सड़क पर नहीं उतरे। लुधियाना गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष जेपी अग्रवाल ने कहा कि अगर स्ट्राइक दूसरे दिन भी जारी रही तो तेल की शॉर्टेज हो सकती है। अगर यह कुछ और दिन चलती है तो सब्जियों, फलों और अन्य जरूरी चीजों की भी किल्लत हो सकती है। कई जगहों पर हड़ताली ड्राइवरों ने अन्य ड्राइवरों को भी रोक दिया और उन्हें हड़ताल में शामिल कर लिया। ऑल जे एंड के पेट्रोल टैंकर्स एसोसिएशन और जे एंड के फ्यूल स्टेशन ओनर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट अनन शर्मा ने कहा कि सोमवार से सुबह से ही सभी ऑयल टैंकर्स हड़ताल पर हैं। उन्होंने कहाकि किसी ड्राइवर ने भी तेल डिपो से तेल नहीं भरा, क्योंकि वह लोग नए प्रावधानों को काला कानून बता रहे हैं।

मध्य प्रदेश
इसी तरह मध्य प्रदेश में ट्रांसपोर्ट यूनियन का दावा है कि करीब 10 हजार निजी बस, ट्रक और टैक्सी सोमवार को सड़कों पर नहीं उतरीं। इसके चलते प्रदेश के पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर असर पड़ा। इंदौर, बालाघाट, उज्जैन, रतलाम और भोपाल में पेट्रोल खत्म होने के चलते वाहनों की लंबी कतार देखने को मिली। पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि हड़ताल के चलते लोग काफी परेशान नजर आए। मध्य प्रदेश में कई पेट्रोल पंपों पर तेल खत्म हो गया। भोपाल में ड्राइवरों ने रायसेन रोड पर ट्रक लगाकर रास्ता जाम कर दिया। भोपाल में ड्राइवर एसोसिएशन के नेता अमर पटेल ने कहा कि ड्राइवर 7 लाख रुपए की पेनाल्टी नहीं भर सकते। हम लोग कानून खत्म होने तक हड़ताल बंद नहीं करेंगे। धार में भी ड्राइवर्स ने मुंबई-आगरा हाइवे पर ट्रकों को पार्क कर दिया और निजी वाहनों को भी रोक दिया।

गुजरात और हिमाचल
गुजरात में भी सोमवार को करीब 40 फीसदी कॉमर्शियल वाहन सड़कों पर नहीं उतरे। अखिल गुजरात ट्रक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश दवे ने स्पष्ट किया कि यह हड़ताल किसी एसोसिएशन ने नहीं बुलाई है। ड्राइवर खुद ही नए नियमों का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम लोग मामले को सुलझाने के लिए केंद्र के साथ बातचीत कर रहे हैं। उधर हिमाचल प्रदेश में सरकारी हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ने हड़ताल के चलते तेल खत्म होने का डर जताया। एचआरटीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि हड़ताल ने हमें प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि हमारे पास 3200 बसों का बेड़ा है जो प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों को जोड़ता है। हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हम तेल सप्लाई करने वाली कंपनियों के टच में हैं, लेकिन हरियाणा में ट्रक यूनियंस उन्हें हिमाचल प्रदेश में आने नहीं दे रहे।

हरियाणा-पश्चिम बंगाल
हरियाणा में करीब 200 बसें सड़क पर नहीं उतरीं। उत्तरी हरियाणा में निजी बस ऑपरेटर्स ने अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर और अन्य जिलों में सेवाएं पूरी तरह से बंद रखीं। पानीपत ऑयल रिफाइनरी से तेल लेने के लिए भी कोई वाहन नहीं था। यहां से हरियाणा के विभिन्न जिलों में तेल स्टेशनों में सप्लाई होती है। ट्रक ऑपरेटर्स ने कहा है कि वह जिला प्रशासन को नए प्रावधानों के खिलाफ ज्ञापन देंगे। वहीं, पश्चिम बंगाल में सैकड़ों ट्रकों और कॉमर्शियल वाहनों ने हुगली जिले में डाकुनी टोल प्लाजा के पास एनएच2 को ब्लॉक कर दिया। हालांकि यहां पर सप्लाई या सामानों के दाम पर अभी तक कोई असर नहीं पड़ा है।

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version