दूध की मक्खी की तरह फेंका, CM पद पर हेमंत रिटर्न्स की अटकलों के बीच BJP का निशाना
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झारखंड में हेमंत रिटर्न्स देखने को मिल सकता है। जी हां, झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन पांच महीने बाद एक बार फिर झारखंड के मुख्यमंत्री बन सकते हैं। झामुमो सूत्रों के अनुसार रांची के कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में आज हुई सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायक दल की बैठक में हेमंत सोरेन को एक बार फिर विधायक दल का नेता चुन लिया गया है।

सीएम की कुर्सी पर हेमंत सोरेन की वापसी को लेकर आ रही खबरों के बीच बीजेपी ने अब हेमंत सोरेन पर निशाना साधा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने झामुमो कांग्रेस राजद विधायक दल की बैठक में आज हेमंत सोरेन को फिर नेता चुने जाने पर बड़ा निशाना साधा।

बाबू लाल मरांडी ने कहा कि झामुमो में शिबू सोरेन परिवार से बाहर का आदिवासी केवल काम चलाऊ है। शिबू सोरेन परिवार जब जैसा चाहे उसका उपयोग करेगा और फिर उसे दूध की मक्खी की तरह निकाल फेंकेगा। उन्होंने कहा कि 5 महीना पहले परिवारवाद से ऊपर उठकर मुख्यमंत्री चुनने की बात करने वाले झामुमो का आज फिर असली चेहरा उजागर हो गया। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह झामुमो के अन्य आदिवासी नेताओं के लिए सबक है। उन्हें अपनी सीमा रेखा समझ लेनी चाहिए। उन्हें समझ लेना चाहिए कि वे केवल शिबू सोरेन परिवार की पालकी ढोने के लिए हैं। ऊंची उड़ान भरना उनके नसीब में नहीं।

मरांडी ने कहा कि चंपाई सोरेन आज राज्य के मुख्यमंत्री हैं लेकिन पद पर रहते हुए उन्हें बार-बार अपमानित किया गया। आज बैठक की अध्यक्षता करने के बावजूद उन्हें किनारे बैठाया गया। इसके पूर्व लोकसभा चुनाव के दौरान रांची में हुई इंडी अलायंस की रैली में भी उन्हें मंच पर किनारे जगह दी गई जबकि परिवार की बहु कल्पना सोरेन बिना कोई पद के भी मंच के बीच में बैठीं। यहां तक कि चंपाई सोरेन के भाषण के बीच ही मंच पर उपस्थित पार्टी के नेता उठकर जाने लगे थे। उन्होंने कहा कि आज कोल्हान के टाइगर को चूहा बना दिया गया।

न्यूज एजेंसी भाषा ने सूत्रों के हवाले से बताया कि गठबंधन के नेताओं और विधायकों ने यहां मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के आवास पर एक बैठक के दौरान सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को झामुमो विधायक दल का नेता चुनने का फैसला किया। पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि बैठक में चंपई सोरेन की जगह हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया। बता दें कि मुख्यमंत्री के रूप में एक बार फिर शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री होंगे। झारखंड 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर एक पृथक राज्य बना था।

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