पश्चिम बंगाल में एक बार फिर भाजपा की दाल नहीं गल पाई है। ममता दीदी की टीएमसी ने उसे करारा झटका देते हुए उपचुनाव में सभी चार सीटों पर मात दी है। चारों विधानसभा सीटों पर 10 जुलाई को उपचुनाव हुए थे।
उपचुनाव के नतीजों के जरिए ममता बनर्जी ने बंगाल में भाजपा को डबल शॉक दिया है। कुछ ही महीने पहले दीदी की पार्टी ने यहां पर अपनी सीटों में इजाफा किया था। टीमएसी ने 2019 में 22 सीटों के मुकाबले इस बार 29 सीटें जीती हैं। वहीं, भाजपा के लिए यह नतीजे किसी झटके से कम नहीं हैं। बंगाल में बढ़त बनाने के उसके मंसूबे बार-बार धराशायी हो जो रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 18 सीटें जीती थीं जो इस बार के आम चुनाव में घटकर 12 रह गई हैं।
ममता बनर्जी की पार्टी ने रायगंज, बागदा, रानाघाट दक्षिण व माणिकतल्ला विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की है। रायगंज से टीएमसी उम्मीदवार कृष्ण कल्याणी ने 50,077 वोट से जीत हासिल की। उन्होंने भाजपा के मानस कुमार घोष को मात दी। बागदा से टीएमसी के राज्यसभा सांसद ममताबाला ठाकुर की बेटी मधुपर्णा ठाकुर ने भाजपा के बिनय कुमार बिश्वास को 33,455 वोटों से हराया। यहां पर टीएमसी को आठ साल बाद जीत मिली है। रानाघाट दक्षिण से मुकुट मणि अधिकारी ने भाजपा उम्मीदवार मनोज कुमार बिश्वास को 39,048 वोटों से हराया। वहीं, माणिकतल्ला में सुदीप्ति पांडेय ने भाजपा उम्मीदवार कल्याण चौबे को 62, 312 वोटों से शिकस्त दी।
भाजपा ने साल 2021 के विधानसभा चुनाव में रानाघाट दक्षिण, बागदा और रायगंज से जीत हासिल की थी। हालांकि बाद में तीनों विधायक पाला बदलकर टीएमसी में वापस चले गए थे। तीनों सीटों के विधायक, कल्याणी, अधिकारी और बिश्वजीत दास ने टीमएसी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पद से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा के कार्तिक चंद्र पॉल के हाथों लोकसभ चुनाव में शिकस्त का सामना करने वाली कल्याणी को रायगंज से फिर से उम्मीदवार बनाया गया था। वहीं, भाजपा के जगन्नाथ सरकार ने रानाघाट लोकसभा सीट पर हारने वाले अधिकारी इस बार रानाघाट दक्षिणी विधानसभा सीट से मैदान में थे। माणिकतल्ला सीट 2021 में टीएमसी ने ही जीती थी, लेकिन ममता सरकार के पूर्व मंत्री सदन पांडेय की फरवरी 2022 में मौत के बाद यह सीट खाली थी।
उपचुनावों में मिली करारी हार के बाद पश्चिम बंगाल भाजपा के नेताओं ने आत्मनिरीक्षण की बात कही है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने टीएमसी सरकार पर आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि टीमएसी ने निष्पक्ष चुनाव नहीं होने दिया। चुनाव के दौरान बहुत सारी अनियमितताएं थीं। सत्ताधारी पार्टी ने लोगों को डराने का काम किया। वहीं, टीएमसी ने भी भाजपा पर पलटवार किया। टीमएसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि लोकसभा चुनाव में भी बंगाल के लोगों ने भाजपा को रिजेक्ट कर दिया था। अब उपचुनावों में एक बार फिर ऐसा हो चुका है। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष चुनाव न कराने की बातें कहना, अपनी खुद की कमियों को छिपाना है।