अभी हाल ही में दिल्ली-एनसीआर में कैंसर की नकली दवाएं बनाए जाने के खेल का भंडाफोड़ हुआ था। अब प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली-एनसीआर में कैंसर की नकली दवाओं के निर्माण को लेकर ताबड़तोड़ छापेमारी की है।दिल्ली-NCR में इस छापेमारी से खलबली मचा हुआ है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, ईडी की इस छापेमारी में 65 लाख रुपये जब्त किए गए हैं।बताया जा रहा है कि क्राइम ब्रांच ने कैंसर की नकली दवाओं को लेकर जो केस दर्ज किया था। उसी FIR में मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज किया गया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 10 ठिकानों पर छापेमारी की गई है। मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि कैंसर की नकली दवाओं के खेल में शामिल आरोपियों कोमल तिवारी, अभियनय, परवेज मलिक, सूरत शत, नीरज ौचहान और विफल जैन के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने यह छापेमारी की है।मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि एक बीन बैग में छिपा कर रखे गए 23 लाख रुपये कैश जब्त किए गए हैं। कुछ अचल संपत्तियों का भी इस छापेमारी में पता चला है। कुछ संदिग्ध दस्तावेज मिलने की बात भी कही जा रही है।बता दें कि दिल्ली में कैंसर की नकली दवाएं बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अब तक 10 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि पकड़े गए कुछ आरोपी दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में ऑन्कोलॉजी विभाग में काम करते थे और लोगों को नकली दवाइयां बेच देते थे।कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि इस रैकेट के तार दिल्ली, हरियाणाा, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में फैला हुआ है। बताया जा रहा है कि आरोपी कैंसर की दवा के रैपर में नकली दवाएं भर कर बेचा करते थे। क्राइम ब्रांच ने पहले बताया था कि बीएचयू आईआईटी के छात्र रहे नीरज से पूछताछ के बाद बता चला था कि कुछ आरोपी नर्सिंग में डिप्लोमा करने के बाद विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत थे। यह भी खुलासा हुआ था कि एक आरोपी रोहित अस्पताल से दवाओं के खाली रैपर चुरा कर लाता था