मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और आरजेडी के पूर्व मंत्रियों के फैसलों की समीक्षा करेगी। तेजस्वी के अलावा पूर्व मंत्री रामानंद यादव एवं ललित यादव के मंत्री रहते किए गए कार्यों और उनके विभागीय निर्णयों की समीक्षा होगी।
समीक्षा के दायरे में पिछले 10 माह के छह विभाग स्वास्थ्य विभाग, पथ परिवहन विभाग, नगर विकास व आवास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्य शामिल हैं। कैबिनेट विभाग ने इन विभागों के प्रधान को इसके कार्यान्वयन का टास्क सौंपा है।
मौजूदा सरकार में ये विभाग डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के पास हैं। पिछले महीने शपथ लेने के बाद सम्राट चौधरी ने कहा कि आरजेडी के पास रहे सभी विभागों की समीक्षा की जाएगी। एनडीए सरकार भ्रष्टाचार पर नकेल कसेगी। अगर अतीत में कुछ गलत हुआ है तो उसे सुधारा जाएगा।
पिछले दिनों बिहार विधानसभा में बहुमत परीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा कि महागठबंधन सरकार के दौरान उन्हें अनियमितता की जानकारी मिली थी। जिस तरह से विधायकों को पैसे की पेशकश की जा रही है, उससे यह स्पष्ट हो रहा है। सीएम ने सदन में आरजेडी के विधायकों से कहा था कि वे गड़बड़ कर रहे थे। इसकी पूरी जांच की जाएगी। अगर कुछ गलत पाया जाता है तो कार्रवाई भी की जाएगी।
कैबिनेट समन्वय विभाग के अपर सचिव ने संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव और प्रधान सचिवों को पत्र लिखा है। इसमें खास तौर पर पूर्व में विभाग का प्रभार संभाल रहे मंत्रियों के कार्यों एवं फैसलों की समीक्षा करने को कहा गया। पत्र में कहा गया कि अगर जरूरत हो तो सक्षम प्राधिकारी के जरिए संबंधित मंत्री से अनुमोदन के बाद पुराने फैसलों में संशोधन भी कराया जा सकता है।