तीन साल बाद इस देश से तेल खरीदेगा भारत, अमेरिका के कारण पड़ा था रोकना
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भारत एक ऐसे देश से तेल खरीदना फिर से शुरू करने वाला है जिसे उसने तीन साल पहले रोक दिया था। हम दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला की बात कर रहे हैं। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत वेनेजुएला से कच्चा तेल खरीदेगा क्योंकि कई भारतीय रिफाइनरियां भारी कच्चे तेल को प्रोसेस करने के लिए पूरी तरह से फिट हैं।

अमेरिका (यूएस) ने अक्टूबर में वेनेजुएला पर लगाए प्रतिबंधों में ढील दी है। इसके साथ ही भारत का वेनेजुएला से तेल का आयात तीन साल बाद फिर से शुरू होने वाला है। मंत्री ने कहा कि कच्चे तेल के एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता के रूप में, भारत किसी भी ऐसे देश से तेल खरीदने को इच्छुक है जिस पर प्रतिबंध नहीं लगे हैं।

समझा जाता है कि कम से कम तीन भारतीय रिफाइनर ने वेनेजुएला के तेल कार्गो बुक किए हैं, जिनके अगले कुछ महीनों में भारत में उतरने की उम्मीद है। इनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी), और एचपीसीएल-मित्तल एनर्जी (एचएमईएल) शामिल हैं। इनके अलावा, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) भी लैटिन अमेरिकी देश से तेल का आयात शुरू करने पर विचार कर रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हमारी कई रिफाइनरियां, जिनमें (आईओसी की) पारादीप (रिफाइनरी) भी शामिल है, उस भारी वेनेजुएला तेल का उपयोग करने में सक्षम हैं। अब हम उनसे तेल खरीदेंगे। हम हमेशा वेनेजुएला से तेल खरीदते रहे हैं। हालांकि जब वेनेजुएला पर प्रतिबंध लगा तो वे सप्लाई करने में सक्षम नहीं थे।” पुरी ने कहा कि भारत ऐसे किसी भी देश से कच्चा तेल खरीदने को इच्छुक है जिस पर प्रतिबंध नहीं है।

अमेरिका ने 2019 में वेनेजुएला पर प्रतिबंध लगाए थे। उससे पहले तक भारत और देश की निजी क्षेत्र की रिफाइनरियां आरआईएल और नायरा एनर्जी (एनईएल) वेनेजुएला के कच्चे तेल के नियमित खरीदार थे। प्रतिबंधों के बाद, वेनेजुएला से तेल आयात बंद हो गया। कमोडिटी मार्केट एनालिटिक्स फर्म Kpler के आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने आखिरी बार नवंबर 2020 में वेनेजुएला क्रूड का आयात किया था। भारत के आधिकारिक व्यापार आंकड़ों के अनुसार, वेनेजुएला 2019 में नई दिल्ली का पांचवां सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता था, जिसने भारतीय रिफाइनरों को करीब 16 मिलियन टन कच्चा तेल उपलब्ध कराया। वेनेजुएला से भारत का 2019 तेल आयात 5.70 बिलियन डॉलर था।

इस साल अक्टूबर में, अमेरिका ने वेनेजुएला के तेल क्षेत्र पर प्रतिबंधों में ढील दी और छह महीने के लिए बिना किसी सीमा के तेल निर्यात को अधिकृत किया। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के सदस्य वेनेजुएला के पास दुनिया का सबसे बड़ा सिद्ध तेल भंडार है। भारत कच्चे तेल का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है और अपनी 85 प्रतिशत से अधिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर करता है। पिछले लगभग दो वर्षों में तेल बाजारों में अस्थिरता को देखते हुए, सरकार ने कहा है कि भारत जहां भी सस्ता तेल प्राप्त कर सकता है, वहां से खरीदेगा।

वेनेजुएला कथित तौर पर चीनी निजी रिफाइनरों को भारी छूट की पेशकश कर रहा है। ये रिफाइनर कंपनियां प्रतिबंधों के बावजूद वेनेजुएला के तेल के सबसे बड़े खरीदार रहे हैं। हालांकि, हालिया रिपोर्टों से पता चलता है कि प्रतिबंधों में ढील और अन्य खरीदार अब वेनेजुएला का तेल लेने के इच्छुक हैं, जिसके कारण हाल के हफ्तों में छूट काफी कम हो गई है।

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