तीनों राज्यों में क्षत्रपों की दावेदारी को लगा विराम, अब भाजपा किसको देगी कमान?
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मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में नए नेतृत्व और सरकारों की गठन को लेकर लगातार दूसरे दिन बुधवार को भी कवायद जारी रही। प्रधानमंत्री मोदी से मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा मिले थे।

गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। बाद में शाह और नड्डा के बीच भी बैठक हुई। तीनों राज्यों में नए मुख्यमंत्री को लेकर शनिवार तक फैसला हो जाने की उम्मीद है।

इस बीच भाजपा नेतृत्व में राज्यों के क्षत्रपों के दबाव और दावेदारी को विराम देते हुए साफ कर दिया है कि उचित समय और पार्टी के फैसले का इंतजार करें। इसके पहले पार्टी नेतृत्व में संकेत दिए थे कि तीनों ही राज्यों में नए नेतृत्व को सामने लाया जा सकता है।

वसुंधरा राजे ने कहा, नेतृत्व का फैसला स्वीकार होगा
पार्टी की एक केंद्रीय नेता ने बुधवार शाम को राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से बात की है। सूत्रों के अनुसार, वसुंधरा राजे ने साफ कर दिया है कि वह पार्टी की पुरानी और अनुशासित कार्यकर्ता हैं। वह नेतृत्व के हर फैसले के साथ रहेंगी।

चयन का रास्ता लगभग साफ
उधर, मध्य प्रदेश में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उनकी मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई दावेदारी नहीं है। इससे भाजपा नेतृत्व के सामने नए नेता के चयन को लेकर रास्ता लगभग साफ हो गया है। सूत्रों का कहना है कि संसदीय राजनीति छोड़कर विधानसभा की राजनीति में गए नेताओं को नई सरकारों में अहम भूमिका मिल सकती है। इनमें मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी हो सकते हैं।

मध्यप्रदेश में कई नामों की चर्चा
मध्य प्रदेश में जिन नाम की चर्चा है, उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रहलाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर के नाम प्रमुख हैं। छत्तीसगढ़ में प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, रेणुका सिंह, ओपी चौधरी के नाम की चर्चा रही है। राजस्थान में किरोड़ी लाल मीणा, अर्जुन मेघवाल, दिया कुमारी के नाम पर विचार किया जा सकता है।

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