राष्ट्रीय स्वयंसेक संघ (आरएसएस) के परेड मार्च को लेकर तमिलनाडु में बवाल मच गया है। आरोप है कि आरएसएस ने अलग-अलग तारीखों पर अपने मार्च के लिए मद्रास हाई कोर्ट से अनुमति मांगी थी। अब आरएसएस को मार्च की इजाजत नहीं देने और मद्रास हाई कोर्ट की अवमानना करने के लिए तमिलनाडु के गृह सचिव पी अमुधा सहित कई अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है।
तमिलनाडु में 33 जगहों पर आरएसएस ने मद्रास हाई कोर्ट में एक मामला दायर कर पुलिस से जुलूस निकालने की अनुमति मांगी थी। मामले की सुनवाई करने वाले जज जयचंद्रन ने शर्तों के साथ आरएसएस को मार्च की इजाजत देने का आदेश दिया था। वहीं कोर्ट के आदेश के बावजूद पुलिस ने उन्हें इजाजत नहीं दी। इसलिए उच्च न्यायालय में अदालत की अवमानना करने के आरोप में पांच याचिकाएं दायर की गईं। अनुमति नहीं दिए जाने और अदालत की अवमानना के लिए तमिलनाडु के गृह सचिव पी अमुधा, पुलिस महानिदेशक शंकर जीवाल और कुछ अन्य आयुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और निरीक्षकों को तलब किया गया है।
अदालत ने जारी किया नोटिस
न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन ने अवमानना याचिकाओं में नामित अधिकारियों को ‘वैधानिक नोटिस’ देने का आदेश दिया। आरएसएस का प्रतिनिधित्व करने वाली टीम के वकील रबू मनोहरम ने कहा कि उन्हें चार सप्ताह के भीतर अदालत में पेश होना होगा। वरिष्ठ वकील जी राजगोपाल हाई कोर्ट में आरएसएस की ओर से पेश हुए। अतिरिक्त लोक अभियोजक आर मुनियप्पाराज ने अदालत को बताया कि मार्च की अनुमति देने वाले हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील उच्चतम न्यायालय में दायर की गई है, यह मुकदमा 3 नवंबर को लिस्ट किए जाने की उम्मीद है।
न्यायमूर्ति जयचंद्रन ने कहा, “मामले के तथ्यों पर विचार करने पर अदालत प्रथम दृष्टया आश्वस्त है कि उत्तरदाता या तो राज्य का प्रशासन करने में असमर्थ हैं या उन्होंने न्यायपालिका के प्रति बहुत कम सम्मान के साथ इस अदालत के आदेश की अनदेखी की है। इसलिए, उत्तरदाताओं को वैधानिक नोटिस जारी किया जाता है।”
आरएसएस ने मांगी थी अनुमति
16 अक्टूबर को उच्च न्यायालय ने एक सामान्य आदेश पारित कर तमिलनाडु पुलिस को राज्य भर में अलग-अलग तारीखों पर आरएसएस को मार्च की अनुमति जारी करने का निर्देश दिया था। अदालत ने 11 जिलों में रूट मार्च की अनुमति दी थी, वहीं तीन जिलों में अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इस मौके पर पुलिस ने कहा था कि वे अन्य घटनाओं के कारण सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाएंगे। हालांकि, जब पुलिस ने उन्हें अनुमति नहीं दी, तो आरएसएस की तमिलनाडु इकाई ने 22 अक्टूबर को अदालत की अवमानना याचिका दायर करने की चेतावनी दी। पुलिस के एक्शन का विरोध करते हुए तमिलनाडु दक्षिण के आरएसएस अध्यक्ष ने ए अदलारसन कहा, “हाल के दिनों में पुलिस ने अनुमति देने से इनकार करने की आदत बना ली है।”