ज्ञानवापी के सर्वे रिपोर्ट के लिए और 15 दिन मांगा समय, एएसआई की कोर्ट में अर्जी
Sharing Is Caring:

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण टीम (एएसआई) ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण पर अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कोर्ट से 15 दिन का समय मांगा है। एएसआई के अधिवक्ता की ओर से जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया है।

शोकावकाश के कारण इस पर सुनवाई नहीं हो सकी। अब कल सुनवाई हो सकती है। दरअसल, ज्ञानवापी परिसर में लगभग तीन माह तक चले वैज्ञानिक सर्वे की रिपोर्ट जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में आज पेश होनी थी।

आपको बता दें कि दिल्ली की राखी सिंह सहित पांच महिलाओं की शृंगार गौरी सहित अन्य विग्रहों के पूजा अधिकार की मांग वाली अर्जी पर जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराया है। वादी महिलाओं का कहना था कि वर्षों से ज्ञानवापी परिसर में आदिविश्वेश्वर, पार्वती, शृंगार गौरी, हनुमान जी सहित अन्य विग्रह विद्यमान है। जिसे पूर्व में विदेशी आक्रांताओं ने क्षतिग्रस्त कर मलबे से ढक दिया है। शृंगार गौरी सहित कुछ विग्रह दिख रहे हैं, लेकिन उनके पूजन से रोका जाता है। दूसरे संप्रदाय के लोग उन्हें भी क्षतिग्रस्त करने पर आमादा हैं।

अदालत ने सुनवाई करते हुए कोर्ट कमीशन की कार्रवाई की। जिसमें वुजूखाना में सामने आई आकृति को हिन्दू पक्ष ने शिवलिंग बताया तो मुस्लिम पक्ष ने फव्वारा कहा। बाद में वुजूखाना को शीर्ष अदालत के आदेश पर सील कर दिया गया। हिन्दू पक्ष की मांग पर अदालत ने परिसर के शेष हिस्सों की तथ्यों की सत्यता परखने के लिए बिना किसी क्षति पहुंचाए वैज्ञानिक तरीके से सर्वे का आदेश दिया था। एएसआई ने चार अगस्त से तीन नवम्बर तक परिसर में लगातार सर्वे किया।

तीन अलग-अलग मामलों में भी सुनवाई
ज्ञानवापी-आदि विश्वेश्वर से जुड़े तीन और मामलों में शुक्रवार को विभिन्न अदालतों में सुनवाई होगी। स्पेशल सीजीएम कोर्ट में शिवलिंग आकृति को क्षतिग्रस्त करने के आरोपितों पर केस दर्ज करने की मांग की गई है तो एडीजे सप्तम की अदालत परिसर में उर्स व चादरपोशी की मांग वाली अर्जी पर पक्षकार बनने की अर्जी को सुनेगी। सिविल जज एफटीसी की अदालत में ज्ञानवापी परिसर में गैरहिन्दुओं के प्रवेश पर रोक को सुना जाएगा।

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *