ज्ञानवापी केस में मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट से झटका
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ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा के मामले में मुस्लिम पक्ष की अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। मुस्लिम पक्ष की ओर से अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने जिला जज की कोर्ट में चल रही सुनवाई के खिलाफ याचिका दायर की थी।

दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। जिला जज की अदालत में पहले से ही मामले की अगली सुनवाई के लिए सात जुलाई की तारीख तय है। हिन्दू पक्ष ने हाईकोर्ट के फैसले को अपने लिए बहुत बड़ी जीत बताया है।

वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद के एक हिस्से में श्रृंगार गौरी का मंदिर है। नवरात्र में ही यहां केवल पूजा पाठ की इजाजत होती है। हिन्दू पक्ष ने यहां नियमित पूजा पाठ के लिए जिला जज की अदालत में वाद दाखिल किया है। मुस्लिम पक्ष इसी वाद पर रोक की मांग की थी।

मुस्लिम पक्ष की ओर से अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने वाद की पोषणीयता पर आपत्ति करते हुए अर्जी दाखिल की थी। कहा था कि कोर्ट को प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट 1991 के उपबंधों के तहत अदालत को वाद सुनने का अधिकार नहीं है।

इसे जिला जज की अदालत ने खारिज कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट पहुंचा था। अब हाईकोर्ट ने भी उनकी अर्जी को खारिज कर दिया है। ऐसे में जिला जज की अदालत में मामले की सुनवाई होती रहेगी।

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