जाति-धर्म के नाम पर विभाजन का नहीं करता समर्थन, चिराग पासवान ने भी किया विरोध
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कांवड़ रूट पर दुकानदारों के नामों को लिखे जाने संबंधी फैसले का विरोध बीजेपी सरकार के सहयोगी दल ही करने लगे हैं। एनडीए सरकार में शामिल केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी इस फैसले पर सवाल उठाया है।उन्होंने कहा है कि जब भी जाति या धर्म के नाम पर कोई विभाजन होता है, तो मैं इसका बिल्कुल समर्थन नहीं करता। इससे पहले, एनडीए सरकार के ही जेडीयू और आरएलडी ने भी यूपी सरकार के इस फैसले का विरोध किया था।’पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, “मैं 21वीं सदी का शिक्षित युवा हूं और मेरी लड़ाई जातिवाद और सांप्रदायिकता के खिलाफ है। मैं अपने राज्य के पिछड़ेपन के लिए इसी कारण को जिम्मेदार मानता हूं। जहां कहीं भी जाति और धर्म के आधार पर विभाजन है, मैं न तो उसका समर्थन करूंगा और न ही उसे बढ़ावा दूंगा और मुझे नहीं लगता कि मेरी उम्र के किसी अन्य शिक्षित युवा के लिए ऐसी चीजें मायने रखती हैं, चाहे वह किसी भी जाति और धर्म से संबंधित हो।”उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में सबसे पहले पुलिस प्रशासन ने निर्देश दिया था कि कांवड़ रूट पर पड़ने वाली दुकानों पर दुकानदारों के नामों का बोर्ड लगवाना होगा। इसके बाद शामली और सहारनपुर जिले में भी ठीक ऐसा ही निर्देश दिया गया। इसके चलते सपा, बसपा, कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों ने इसका विरोध जताया था। अखिलेश यादव ने बीजेपी को सामाजिक सद्धाव का दुश्मन करार दिया। वहीं, मायावती ने भी इस आदेश को वापस लेने की मांग की थी। पुलिस प्रशासन के आदेश के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि प्रदेशभर में कांवड़ रूट पर खाने-पीने की दुकानों के मालिक का नाम पहचान लिखना होगा। यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। इसके अलावा, हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट्स बेचने वालों पर भी ऐक्शन की बात कही है।इस फैसले का विरोध न सिर्फ विपक्ष, बल्कि बीजेपी के सहयोगी दल ही कर रहे हैं। आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने एक्स पर लिखा कि उत्तर प्रदेश प्रशासन का दुकानदारों को अपनी दुकानों पर नाम और धर्म लिखने का निर्देश देना जाति और संप्रदाय को बढ़ावा देने वाला कदम है। उन्होंने इस निर्देश को वापस लेने की भी मांग की। वहीं, जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने भी कहा है कि सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने वाला कोई भी आदेश नहीं जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से इस आदेश की समीक्षा करने की भी मांग की।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता नकवी ने भी उठाए सवाल
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा के मद्देनजर भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कहा कि आस्था का सम्मान होना चाहिए, पर अस्पृश्यता को संरक्षण नहीं मिलना चाहिए। नकवी ने यह भी कहा कि कुछ अति-उत्साही अधिकारियों के आदेश हड़बड़ी में गड़बड़ी वाली अस्पृश्यता की बीमारी को बढ़ावा दे सकते हैं। मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों का नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया है, ताकि भ्रम की स्थिति से बचा जा सके।

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