साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टक्कर देने के लिए तमाम विपक्षी दल एक साथ खड़े हो गए हैं।
इसी कड़ी में आज पटना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विरोधी दलों का महाजुटान हुआ। इस बैठक में कुल 15 दल शामिल हुए। करीब तीस से अधिक विपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने का प्लान बनाया। बैठक की मेजबानी बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने किया। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि सभी दल एक साथ चुनाव लड़ेंगे। हालांकि इस बैठक के बाद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) खासा नाराज दिख रही है। वहीं बैठक के बाद विपक्षी दलों के साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी सीएम केजरीवाल नहीं दिखे। नाखुश AAP ने एक बयान जारी कर अपनी नाराजगी की वजह भी बताई।
या तो PM मोदी या केजरीवाल…
दरअसल, AAP केंद्र के ट्रांसफर-पोस्टिंग वाले अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस का सपोर्ट चाहती है। पटना बैठक में शामिल 15 में से कुल 12 दलों का राज्यसभा में प्रतिनिधित्व है। इनमें से कांग्रेस को छोड़कर सभी दलों ने केजरीवाल का समर्थन किया है। इसी बात को लेकर कांग्रेस नाखुश है। बयान जारी कर AAP ने कहा, ‘केंद्र के अध्यादेश को लेकर कांग्रेस की चुप्पी और झिझक की वजह से AAP के लिए किसी भी गठबंधन का हिस्सा बनना बहुत मुश्किल हो जाएगा जिसमें कांग्रेस शामिल होगी। जब तक कांग्रेस इस काले अध्यादेश की सार्वजनिक रूप से निंदा नहीं करती है और यह घोषणा नहीं करती कि उसके सभी 31 राज्यसभा सांसद इसका विरोध करेंगे तब तक किसी भी बैठक में AAP का शामिल होना मुश्किल होगा जिसमें कांग्रेस भी शामिल होगी।’ कांग्रेस को चेतावनी देते हुए AAP ने कहा, ‘अब समय आ गया है कि कांग्रेस यह तय करे कि वह दिल्ली की जनता के साथ खड़ी है या मोदी सरकार के साथ।’
कांग्रेस अब तय करे…
बता दें कि विपक्षी एकता वाले इस बैठक के बाद सीएम केजरीवाल तुरंत दिल्ली के लिए निकल गए। सीएम नीतीश कुमार से जब इस बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि उनका प्लेन (हवाई जहाज) जाने वाला था इसलिए वह दिल्ली निकल गए। बैठक के बाद AAP ने कांग्रेस की नीयत पर भी सवाल उठाया। बयान में कहा गया, ‘कांग्रेस एक नेशनल पार्टी है और सभी मुद्दे पर अपना स्टैंड लेती है। पर अभी तक केंद्र के अध्यादेश को लेकर कांग्रेस ने कुछ नहीं कहा है। कांग्रेस की यह चुप्पी संदेह पैदा करती है।’ अध्यादेश को लेकर कांग्रेस की चुप्पी पर AAP ने कहा कि कांग्रेस को अब यह तय करना होगा कि वह आखिर किसके साथ है। वह इस अध्यादेश को लेकर पीएम मोदी के साथ है या दिल्ली की जनता यानी सीएम केजरीवाल के साथ है। बता दें कि कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब इकाई ने अध्यादेश वाले मुद्दे को लेकर केजरीवाल का सपोर्ट करने से मना कर दिया है।
बैठक के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सभी दलों ने एक साथ चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, विपक्षी दलों की अगली बैठक शिमला में होगी। उन्होंने 2024 के चुनाव के रणनीति को लेकर कहा कि अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग प्लान बनेगा। ऐसे में AAP की नाराजगी के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या विपक्षी एकता जस की तस बनी रहती है या यह पहले ही कदम पर टूट जाएगी?