जब 10 जजों ने अतीक अहमद के केस से खुद को कर लिया था अलग
Sharing Is Caring:

प्रयागराज में शनिवार शाम तीन हमलावरों ने माफिया-राजनेता अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी। इनके शवों को रविवार रात कसारी-मसारी कब्रिस्तान में कड़ी सुरक्षा के बीच सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।

अधिकारी ने बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद अतीक और अशरफ के शव शाम करीब साढ़े छह बजे कब्रिस्तान लाए गए। उन्होंने बताया कि रीति रिवाजों के बाद दोनों को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इस तरह माफिया डॉन अतीक अहमद का कई सालों का साम्राज्य मिट्टी में मिल गया। ऐसा भी दौर था जब अतीक की तूती बोला करती थी। हम आपको वह किस्सा बता रहे हैं जब उसके एक केस की सुनवाई से 10 जज पीछे गए थे…

बात साल 2012 की है। इस वक्त अतीक अहमद जेल में बंद था। इसके बावजूद कोई उससे पंगा लेने की हिम्मत नहीं कर पाता था। यूपी में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी थीं। अतीक ने अपना दल के टिकट पर चुनावी मैदान में फिर से ताल ठोंकी। इसे लेकर उसने इलाहाबाद हाई कोर्ट में बेल के लिए आवेदन दिया। इस आवेदन पर HC के 10 जजों ने केस की सुनवाई से ही खुद को अलग कर लिया। इसके बाद सुनवाई के लिए 11वां जज तैयार हुआ और फिर अतीक को बेल मिल गई।

जब अतीक को टिकट देने पर सपा में हुआ बवाल
अतीक अहमद को 2009 के लोकसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था। इस तरह उसके पास अपना गढ़ बचाने का यह आखिरी मौका था। विधानसभा चुनाव में अतीक अहमद और पूजा पाल का आमना-सामना हुआ। अतीक यहां पर भी जीत दर्ज नहीं कर सका। राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी। अब अतीक दोबारा अपनी हनक पाने की कोशिशों में जुट गया। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने 2014 के लोकसभा चुनाव में सुलतानपुर सीट से अतीक को टिकट दे दिया। इसे लेकर पार्टी के भीतर विरोध के सुर तेज हो गए। इसे देखते हुए सीट बदलकर श्रावस्ती कर दी गई।

अतीक बोला- मेरे खिलाफ 188 मामले दर्ज
माफिया अतीक अहमद ने चुनाव के दौरान जमकर प्रचार किया। यहां एक चुनावी रैली में उसने कहा, ‘मेरे खिलाफ 188 मामले दर्ज हो चुके हैं। मैंने अपना आधा जीवन जेल में बिताया है, लेकिन मुझे इसका अफसोस नहीं है। मैं अपने कार्यकर्ताओं के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहता हूं।’ मगर, अतीक का यह भाषण भी काम नहीं और वह चुनाव हार गया। कहते हैं कि इसके बाद से अखिलेश यादव से उसके रिश्ते खराब हो गए।

शनिवार रात गोली मारकर हत्या
बता दें कि पुलिस ने प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई ​अशरफ के मारे जाने का घटनाक्रम जारी किया है। इसके अनुसार, अतीक और अशरफ को शाहगंज क्षेत्र स्थित मोतीलाल नेहरू क्षेत्रीय अस्पताल में शनिवार रात करीब साढ़े दस बजे स्वास्थ्य परीक्षण के लिए ले जाया गया, जहां मीडियाकर्मी लगातार दोनों से बात करने का प्रयास कर रहे थे। मीडिया का समूह आरोपियों तक बाइट लेने के लिए सुरक्षा घेरा तोड़ रहा था। इसी क्रम में अतीक और अशरफ दोनों मीडिया को बाइट दे रहे थे और उन्हें (पुलिस द्वारा) इस बीच मीडिया की भीड़ से आगे ले जाया गया, तीन वीडियो कैमरा, माइक और मीडिया आईडी वाले लोग उनके पास पहुंचे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इससे दोनों घायल हो गए और (जमीन पर) गिर पड़े। घायल अतीक और अशरफ को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version