चीन के चंगुल में पूरी तरह फंस गया मालदीव, भेज दिया जासूसी जहाज; भारत के लिए भी टेंशन
Sharing Is Caring:

मोहम्मद मुइज्जू के मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद से ही माले और नई दिल्ली के बीच टेंशन बनी हुई है। पहले मालदीव से भारतीय सैनिकों को वापस जाने को कह दिया गया और फिर मुइज्जू ने चीन से दोस्ती और पक्की करनी शुरू कर दी।

चीन के साथ करीबी बनाते ही ड्रैगन ने भी अपना खेल शुरू कर दिया है। दरअसल, चीन ने फायदा उठाते हुए अपना सर्वे जहाज मालदीव भेज दिया है। चीन पर जहाजों के जरिए जासूसी करवाने का आरोप लगता रहा है। वहीं, मालदीव के साथ-साथ यह भारत के लिए भी चिंता वाली बात है और इसी वजह से इस जहाज पर भारत की पूरी नजरें हैं। तीन महीने पहले भी इसी तरह का एक जहाज हिंद महासागर पहुंचा था, जिसकी वजह से भी तनाव बढ़ गया था।

चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय को रिपोर्ट करने वाले एक शोध संस्थान के स्वामित्व वाला जियांग यांग होंग 03 जहाज मालदीव की राजधानी माले के एक बंदरगाह पहुंचा है। एक महीने पहले यही जहाज दक्षिणपूर्वी चीन में जियामेन के अपने घरेलू बंदरगाह से निकला था। हालांकि, मालदीव का कहना है कि यह जहाज उसके जल क्षेत्र में कोई रिसर्च नहीं करेगा और केवल कर्मियों के रोटेशन और सप्लाई के लिए रुका हुआ है, लेकिन इसके बाद भी चिंताएं बढ़ गई हैं।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, शिप ट्रैकिंग डेटा से पता चलता है कि मालदीव पहुंचने से पहले जहाज ने भारत, मालदीव और श्रीलंका के विशेष आर्थिक क्षेत्रों के ठीक बाहर पानी का सर्वेक्षण करने में तीन सप्ताह से अधिक समय बिताया था। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि जहाज अनुसंधान वैज्ञानिक समझ के लाभ के लिए पहुंचा है। एक भारतीय सुरक्षा अधिकारी ने पहले कहा था कि जहाज ‘दोहरे उपयोग’ वाले थे, जिसका अर्थ है कि वे जो डेटा एकत्र करते हैं उसका उपयोग नागरिक और सैन्य दोनों उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।

जियांग यांग होंग 03 ने कई बार हिंद महासागर का दौरा किया है। यह 2021 में इंडोनेशिया में सुंडा जलडमरूमध्य से होकर गुजरा, जिससे इंडोनेशियाई अधिकारी चिंतित हो गए थे और उन्होंने कहा था कि इसने अपने ट्रैकिंग सिस्टम को तीन बार बंद कर दिया था। चीनी अनुसंधान जहाज भी पास के श्रीलंका में रुक गए हैं। वहीं, 2022 में, रॉकेट और मिसाइल प्रक्षेपणों पर नजर रखने में सक्षम सैन्य पोत युआन वांग 5, भारत को चिंतित करते हुए कोलंबो पहुंचा था।

बता दें कि आखिरी बार एक चीनी अनुसंधान जहाज अक्टूबर 2023 में श्रीलंका में रुका था। इसकी वजह से टेंशन बढ़ गई थी। लेकिन जनवरी में, द्वीप राष्ट्र ने विदेशी अनुसंधान जहाजों पर एक साल की रोक लगा दी है। जियांग यांग होंग 03 जहाज का आगमन मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की जनवरी की चीन यात्रा के बाद हुआ है, जिसमें संबंधों को बेहतर किया गया है। चीन और मालदीव के बीच पर्यटन समेत 20 तरीके के समझौते किए गए हैं। बीजिंग ने मुफ्त सहायता में 920 मिलियन युआन ($128 मिलियन) की पेशकश भी की थी।

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *